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________________ २६६ / नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-लव शब्द २. सुन्दर (रमणीय) और ३. चलित (विचलित चलायमान) किन्तु स्त्रीलिंग ललिता शब्द के भी तीन अर्थ माने जाते हैं -१. सप्तमीभेद (सप्तमी विशेष) २. कस्तूरी तथा ३. सरिदन्तर (सरिद् विशेष-नदी विशेष) को भी ललिता कहते हैं। मूल : लामज्जके लवङ्ग ऽल्पे लवं जातीफलेऽपि च । लवो लेशे रामपुत्रं विलासे छेद-नाशयोः ।।१५१७॥ कालभेदे पक्षिभेदे लवणस्तु रसान्तरे । रक्षाभेदे सिन्धुभेदे छेदके लवणासुरे ॥१५१८॥ - हिन्दी टोका-नपुंसक लव शब्द के चार अर्थ माने गये हैं - १. लामञ्जक (खश) २. लवङ्ग (लौंग) ३. अल्प (थोड़ा सा) और ४. जातीफल (जायफल)। पुल्लिग लव शब्द के छह अर्थ माने गये हैं१. लेश (थोड़ा सा) २. रामपुत्र (भगवान रामचन्द्रजी का लड़का) ३. विलास (विलास करना) ४. छेद (छेद करना) ५. नाश (ध्वंस) तथा ६. कालभेद (काल विशेष, निमेष काल)। लवण शब्द के पांच अर्थ होते हैं - १. रसान्तर (रस विशेष - लवण-नमक नाम का रस) २. रक्षोभेद (राक्षस विशेष) ३. सिन्धुभेद (लवण समुद्र) ४. छेदक (छेद करने वाला) और ५. लवणासुर (लवणासुर नाम का राक्षस विशेष)। मूल : क्रीडायुक्त शिल्पयुक्त श्लिष्टे लस्तस्त्रिलिंगकः । दशायुत प्रसंख्यायां लक्षं स्याद् व्याज-लक्ष्ययोः ।।१५१६।। लक्षणं दर्शने वस्तु स्वरूपे नामचिह्नयोः । लक्षणा शक्य सम्बन्धे हंस्यां सारसयोषिति ॥१५२०॥ हिन्दी टीका-लस्त शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. क्रीडायुक्त (क्रीड़ा करने वाला) २. शिल्पयुक्त (शिल्पकलायुक्त कारीगर) ३. श्लिष्ट (मिला हुआ, संयुक्त आश्लिष्ट) । लक्ष शब्द के तीन अर्थ होते हैं-१. दशायुतप्रसंख्या (दस हजार) २. व्याज (छल कपट) ३. लक्ष्य (उद्देश्य)। लक्षण शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ माने गये हैं-१. दर्शन (देखना, पहचानना वगैरह) २. वस्तुस्वरूप ३. नाम (संज्ञा) और ४. चिह्न । लक्षणा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं१. शक्य सम्बन्ध (शक्य-वाच्य अर्थ के सम्बन्ध को लक्षणा कहते हैं) २. हंसी और ३. सारसयोषित् (सारस पक्षी की स्त्री जाति)। मूल : सौमित्रो सारसे च स्याल्लक्ष्मणो लक्षणस्तथा । सारस्यां लक्ष्मणा श्वेत कण्टकारी वनस्पतौ ॥१५२१॥ दुर्योधनस्य कन्यायां पुत्रकन्दौषधावपि । लक्ष्मी-दुर्गा-शमी-मुक्ता-सीता सम्पत्तिषूच्यते ॥१५२२।। हिन्दी टोका-पुल्लिग लक्ष्मण और लक्षण शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं -१. सौमित्रि (लक्ष्मण) २. सारस (सारस नाम का पक्षी विशेष)। स्त्रीलिंग लक्ष्मणा शब्द के चार अर्थ माने गये हैं-१. सारसी (सारस पक्षी की स्त्री जाति विशेष) २. श्वेतकण्टकीवनस्पति (सफेद कण्टकारि नाम की वनस्पति विशेष) ३. दुर्योधनस्य कन्या (दुर्योधन की लड़की) और ४. पुत्रकन्दौषधि (पुत्रकन्द नाम का औषधि विशेष) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016062
Book TitleNanarthodaysagar kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherGhasilalji Maharaj Sahitya Prakashan Samiti Indore
Publication Year1988
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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