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________________ नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - निवेश शब्द | १६५ त्रिलिंग माना गया है । निवृत्ति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. उपरम (विराम उपरति) और २. प्रवृत्तिप्रागभाव ( प्रवृत्ति का आरम्भ - तैयारी करना) । निवेदन शब्द के भी दो अर्थ माने गये हैं - १. समर्पण (अच्छी तरह अर्पण करना) और २. आवेदन ( अभिप्राय सूचित करना ) | मूल : निवेश: शिविरोद्वाह - विन्यासेषु निवेशने । निवेशनं प्रवेशे स्यान्नगरे च निकेतने ॥ १०८ ॥ मूल : निशा दारुहरिद्रायां वासतेयी - हरिद्रयोः । मेष वृषे च मिथुने कर्क - धन्वि मृगेष्वपि ॥ १०६० ॥ हिन्दी टीका - निवेश शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं -- १. शिविर ( सेना का निवास स्थान विशेष) २. उद्वाह (विवाह) ३. विन्यास और ४. निवेशन ( प्रवेश कराना) । निवेशन शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं - १. प्रवेश ( प्रवेश करना) २. नगर और ३. निकेतन (गृह) । निशा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके नौ अर्थ होते हैं - १. दारुहरिद्रा (दारुहलदी ) २. वासतेयी (रात) ३. हरिद्रा ( हलदी) ४. मेष ( मेष राशि ) ५. वृष (वृष राशि ) ६. मिथुन ( मिथुन राशि ) ७. कर्की (कर्कराशि) ८. धन्वी (धनु राशि) और ६. मृग (मृर्गशीर्ष - मृगशिरा ) इस प्रकार निशा शब्द के नौ अर्थ जानना । - Jain Education International निशाचरश्चक्रवाके राक्षसे सर्प - भूतयोः । चोरके जम्बुके घूके रजनीचरमात्रके ।। १०६१।। निशाचरी तु राक्षस्यां कुलटायामपीष्यते । निशान्तं भवने कल्के क्लीवं शान्ते त्वसौ त्रिषु ॥ १०६२ ।। हिन्दी टीका - निशाचर शब्द पुल्लिंग है और उसके आठ अर्थ माने गये हैं- १ चक्रवाक ( चकवा पक्षी विशेष ) २ राक्षस, ३. सर्प, ४. भूत (प्रेत) ५. चोरक (चोर) ६. जम्बुक (सियार - गीदड़ ) ७. घूक (उल्लू) तथा ८. रजनीचरमात्र (निशाचर प्राणी विशेष जो कि रात में ही विचरता है उसको रजनीचर कहते हैं ।) निशाचरी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ माने गये हैं- १. राक्षसी और २. कुलटा (व्यभिचारिणी स्त्री) । नपुंसक निशान्त शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं - १. भवन (गृह) और २ कल्प (सृष्टि–सर्गारम्भ ) किन्तु ३. शान्त अर्थ में निशान्त शब्द त्रिलिंग माना जाता है । आलोचन - श्रवणयोर्दर्शनेऽपि निशामनम् । मूल : निशारणं रात्रियुद्धे रात्रिशब्दे च मारणे ।। १०६३॥ निशीथः स्यादर्धरात्रे रात्रिमात्रेऽपि कीर्त्यते । निश्चलाङ्गो बके स्पन्दरहिते पर्वतादिके ॥ १०६४ || हिन्दी टीका - निशामन शब्द के तीन अर्थ होते हैं - १. आलोचन (आलोचना करना) २. श्रवण ( सुनना ) और ३. दर्शन (देखना) । निशारण शब्द के तीन अर्थ होते हैं - १. रात्रियुद्ध ( रात में युद्ध - लड़ाई) २. रात्रि शब्द ( रात में शब्द - कोलाहल) और ३. मारण ( मारना - मरवाना) । निशीथ शब्द पुल्लिंग है है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. अर्द्ध रात्र ( आधी रात - मध्य रात) और २. रात्रिमात्र ( साधा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016062
Book TitleNanarthodaysagar kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherGhasilalji Maharaj Sahitya Prakashan Samiti Indore
Publication Year1988
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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