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________________ चरित्र-निर्माण का साहित्य है । पूज्यश्री की साहित्य गंगा में कहीं सैद्धान्तिक तत्त्व चर्चा की गहराई है, तो कहीं चरित्र ग्रन्थों की उत्तगं तरंगे हैं, कहीं स्तुति, भजन और उपदेश पदों का भक्ति प्रवाह है तो कहीं आध्यात्मिक भावना का मधुर घोष है । आपके द्वारा रचित व अनेक विध स्फुट अध्यात्मपद आज भी सहस्र जनकण्ठों से मुखरित होते रहते हैं । साहित्य-सेवा- पूज्यश्री के द्वारा लिखित साहित्य का अधिकांश भाग अभी अप्रकाशित पड़ा है । आपके द्वारा रचित साहित्य का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है आगम साहित्य १: ग्यारह अंग सूत्र - १- आचारांग २- सूत्रकृतांग ३- स्थानांग ४- समवायांग ५- व्याख्याप्रज्ञप्ति ६- ज्ञाता-धर्मकथा ७-उपासकदशांग - अन्तकृद्दशांग - अनुत्तरोपपातिक दशांग १०- प्रश्नव्याकरण ११ - विपाकसूत्र ३. मूल (४) १- उत्तराध्ययन २- दशवकालिक * टीका के नाम आचारचिंतामणि समयार्थबोधिनी Jain Education International सुधाख्या भावबोधनी प्रमेय - चन्द्रिका अनगारधर्मामृतवर्षिणी अगारधर्म संजीविनी मुनि कुमुद चन्द्रिका अर्थबोधिनी टीका सुदर्शनीटी का विपाकचन्द्रिका प्रियदर्शिनी आचारमणिमञ्जूषा २: बारह उपांग सूत्र १ - औपपातिक २- राजप्रश्नीय ३- जीवाभिगम ४- प्रज्ञापना ५- सूर्य प्रज्ञप्ति ६- चन्द्र प्रज्ञप्ति ७ - जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति - निरावलिका (कल्पिका) ६- कल्पावतंसिका १० - पुष्पिका ११- पुष्पचूलिका १२- वृष्णिदशांग ४: छेद सूत्र ( ४ ) १ - निशीथ २- बृहद्कल्प ३- व्यवहार ४-दशाश्रु तस्कन्ध १. न्यायरत्नसार (न्याय प्रथमा परीक्षोपयोगी ग्रन्थ) अध्याय १-६ तक २. न्याय रत्नावली (न्याय मध्यमा परीक्षोपयोगी ) अध्याय १-६ तक ( १२ ) पीयूषवर्षणी सुबोधिनी प्रमेयद्योतिका For Private & Personal Use Only प्रमेयबोधिनी सूर्य प्रज्ञप्ति प्रकाशिका चन्द्रप्रज्ञप्तिका प्रकाशिकाव्याख्या सुन्दरबोधिनी 11 "3 भाष्य ” 33 " चूर्णि भाष्य अवचूरि टीका ज्ञानचन्द्रिका ३ - नन्दी सूत्र ४- अनुयोगद्वार अनुयोगचन्द्रिका १ आवश्यक सूत्र आपने इन बत्तीस सूत्रों पर संस्कृत में टीकाएँ लिखी हैं । हिन्दी और गुजराती भाषाओं में बिस्तृत विवेचन के साथ इनका अनुवाद भी किया है। ये आगम प्रकाशित हो चुके हैं । २- तत्त्वार्थ सूत्र (संस्कृत प्राकृत) १- कल्पसूत्र : यह आपकी स्वतन्त्र रचना है न्याय "" 33 मुनिहर्षिणी टीका मुनितोषिणी www.jainelibrary.org
SR No.016062
Book TitleNanarthodaysagar kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherGhasilalji Maharaj Sahitya Prakashan Samiti Indore
Publication Year1988
Total Pages412
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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