________________
५३२ : जैन पुराणकोश
परिशिष्ट
३२.
३८.
४१.
४५.
क्र० सं० नाम नृप
सन्दर्भ सौदास
पपु० २२.१३१ हिरण्यकशिपु
पपु० २२.१५८-१५९ हिरण्यगर्भ
पपु० २२.१०२ ४७. हेमरथ
पपु० २०.१५३ नोट:-सूर्यवंश और चन्द्रवंश इसी वंश की दो शाखाएँ हैं ।
कौरव वंश अकारादि क्रम में इस वंश में निम्न राजा हुए हैंक्र० सं० नाम राजा
सन्दर्भ अरहनाथ
हपु० ४५.२१ अर्जुन
हपु० ४५.३७ इन्द्रवीर्य
हपु० ४५.२७ इभवाहन
हपु० ४५.१४ कर्ण
हपु० ४५.३७ कीति
हपु० ४५ २५ कुन्थुनाथ
हपु० ४५.२० कुरु
हपु० ४५.९
हपु० ४५.१९ कुरुचन्द्र
हपु० ४५.९ कुलकोति
हपु० ४५.२५ गंगदेव
हपु० ४५.११ चन्द्र चिह्न
पापु० ६.३ चारु
हपु० ४५.२३ चारुपद्म
हपु०४५.२३ चारुरूप
हपु० ४५.२३
हपु० ४५.२७ चित्ररथ
हपु. ४५.२८ जयकुमार
हपु० ४५.८ जयराज
हपु० ४५.१५ द्वीप
हपु० ४५.३० २२. द्वीपायन
हपु० ४५.३० दुर्योधन
हपु० ४५.३६ धाराग
हपु० ४५.२९
हपु० ४५.२९ धृत
हपु० ४५.३२ धृततेज
हपु० ४५.३२ २८. धृतधर्मा
हपु० ४५.३२ २९. धृतपद्म
हपु० ४५.१२ धृतमान
हपु० ४५.३२ धृतयश
हपु० ४५.३२
क्र० सं० नाम राजा
धृतराज
धृतराष्ट्र ३४. धृतवीर्य ३५. धृतव्यास
धृतिकर घृतिकर धृतिकर
धृतिक्षेम ४०.
धृतिदेव
घृतिदृष्पिट ४२. धृतिधु ति ४३. धृतिमित्र
धुतेन्द्र धृतोदय नकुल नरहरि नारायण
पद्म ५०.
पदमदेव
पदममाल ५२. पद्मरथ ५३. पाण्डु
पारशर पृथु प्रतिष्ठित प्रतिसर प्रशान्ति प्रीतिकर बलि बृहध्वज भोम भीष्म भ्रमरघोष मन्दर महापद्म महारथ महाराज
महासर ७०. युधिष्ठिर
वरकुमार
सन्दर्भ हपु० ४५.३३ हपु० ४५.३४ हपु०४५.१२ हपु० ४५.३१ हपु० ४५.९ हपु० ४५.११ हपु० ४.५१३ हपु०४५.११ हपु० ४५.११ हपु० ४५.१३ हपु० ४५.१३ हपु० ४५.११ हपु० ४५.१२ हपु० ४५.३२ हपु० ४५.३८ हपु० ४५.१९ हपु० ४५.१९ हपु० ४५.२४ हपु० ४५.२५ हपु० ४५.२४ हपु० ४५.२४ हपु० ४५.३४ हपु०४५.२९ हपु० ४५.१४ हपु० ४५.१२ हपु० ४५.२९ हपु० ४५.१९ हपु० ४५.१३ हपु० ४८.४८ हपु० ४५.१७ हपु० ४५.३७ हपु० ४५.३५ हपु० ४५.१४ हपु० ४५.११ हपु० ४५.२४ हपु. ४५.२८ हपु० ४५.१५ हपु० ४५.२९ हपु० ४५.३७ हपु० ४५.१७ हपु० ४५.२६ हपु० ४५.२५
५४.
चित्र
२०.
धृत
६७.
الل
ه الله
वसु
الله
७३.
वसुकीर्ति
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org