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________________ सुभत्त आगम शब्दकोश सुभत्त[शुभत्व] भ० ६।२२ सुमर [स्मृ] - सुमरइ,नाया० १११११६१. -सुमरसि, सुभद्द[सुभद्र ] ठा० ६।३६।१. सम०१६।१३; प्र०२४३।१. सम० ३३।१. -सुमरह, भ० ३।३८ विवा० ११४१८ से १०,१८,१६, २१ सुमरइत्तु [स्मर्तृ ] सम०६।१,२ सुभद्दा [सुभद्रा] ठा० २।२४५; ४।६७, १५१, १५५; सुमरिउ [स्मर्तुम् ] पाहा०६।१० ५।१८. सम०प्र० २३७॥१; २४०।१. भ० १०७५, सुमरित्तए [स्मर्तुम् ] सम० १०।२ ८१. अंत०७।२. पण्हा०४।११. विवा० ११२।६, १०, सुमरित्ता [स्मृत्वा] नाया०१।१।१६१ ४३ से ४६, ५३ से ५६; २।६।१२।७।१ सुमरुता [सुमरुता] अंत०७।२ सुभनाम [शुभनामन्] भ० ८।४२६ सुमह [सुमहत्] सू० २।६।२६, ४३ सुभफास [शुभस्पर्श ] सम० २।२० सुमहग्घ [सुमहाघ ] नाया०१।१।२४ सुभय[सुभग] भ० १२।१२५ सुमहल्ल[सुमहत्] भ०३।६५ सुभलेस [शुभलेश्य] सम० २।२० सुमहुर [सुमधुर] नाया० १।२।१२.अंत० ३।४३. विवा० सुभवण्ण [शुभवर्ण ] सम० २०२० ११७।१६ सुभविवाग[शुभविपाक] ठा० ४१६०३ ठा० १०॥१०३,११८.सम०१०१२; २६॥१. सुभा[शुभा] ठा० २।३४१८७४ भ०१६।१।१. नाया०१।१।१६से २१,२६से ३१,११८।६, सुभासिय [सुभाषित] पहा० ७११, १० ६. अंत० ३।१६, ५२. अणु० ११६; २।४. पण्हा०६।७. सुभिक्ख [सुभिक्ष] ठा० ३१८७, ३६४. भ० ३।२६८ विवा० २।१।६; २।२।१ सुभूम[सुभूम] ठा० २।४४८. सम०प्र० २३६।१,२४६।१ सुमिणजागरिया [स्वप्नजागरिका] नाया० १११।२१ सुभूमिभाग [सुभूमिभाग] ठा०६।६२. भ० १५॥१७६, सुमिणदसण [स्वप्नदर्शन] सम० १०१२ १७७, १७६. नाया० १॥३॥३, ४, ६, १३, १५, १६, सुमिणपाढग [स्वप्नपाठक ] नाया० १।१।२६, २७,२६, २०; ११५२४२, ८५, १०३, १०८; ११७२; १।१६।३, ३०१।८।२६ ११, १५, १७, २३, १०६, १०८, १११ सुमिणपाढय [स्वप्नपाठक] नाया० १११।२५, २८ सुभोगा[सुभोगा] ठा० ८६६१ सुमिणसत्थ [स्वप्नशास्त्र] नाया० १।१।२६, ३१ सुभोम[सुभोम] ठा० ७।६४११ सुमित्त [सुमित्र] सम० प्र० २२०।३, २२३।१, २२६।१. सुमउय[सुमृदुक] भ० ११।१३८. नाया० १।१।२५ नाया० १।८।२२३।१ सुमंगल [सुमङ्गल] सम० प्र० २५८।१. भ० १५।१७७, सुमित्तविजय [सुमित्रविजय] सम० प्र० २३४।१ । १७६,१८०, १८८ सुमुह [सुमुख ]नाया०१।१६।१८५. अंत०३।११६.पण्हा० सुमंगला[सुमङ्गला] सम० प्र० २३।१ ४५.विवा० २।१।१८,२१से २४ सुमण[सुमनस् ] आ० चू० ३।२६, ४४. सू० १।६।३१; सुमेधा [सुमेघा] ठा० ८।१००।१ २।२।१२, ५८. ठा० ३।१८८ से ३१४. अंत० ३।५३ सुमेरुप्पभ [सुमेरुप्रभ] नाया०१।१।१५६, १७१ सुमणभद्द[सुमनोभद्र ] अंत० ६।२, ६८ सुय [श्रुत] आ० १।१,४।६,२०,५॥३६. आ०चू०७।५७; सुमणा[सुमनस् ] ठा० ४।१५५. सम० प्र० २३३।१. भ० ११।१६; १२।१६. सू० १।३।४२; १।४।२३; ११५१८, १०८१. अंत० ७२ २४; १९।२४; १।१३।१३, १।१४।२६; १११५११६ सुमति [सुमति] ठा० ६।५. सम० २३।३, ४,२४।१;प्र० २।१।१,६०; २।२११,११, ४४; २।३।१; २।४।१,७%B ६, २२२, २२८।१. भ० २०६७ २।७।३४.ठा०१।१;३।३६४,४६३,४६६,४१३६३,३६८, सुमन [सुमनस् ] भ० ४१२ से ४ ४०२,४०५,४०८,४०६५।१६७.सम०१११,१२।२।१; सुमनभद्द[सुमनोभद्र] भ० ३।२६६ ३०।१।२४, २६; प्र० ६४ से ६७,६६.भ० ११३, ४२६; ७७० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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