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________________ साधित अंगसुत्ताणि शब्दसूची सामाइय ४२१६ १८।५३. नाया०१॥१६॥४८॥२. अंत० ११२४, ५।३२; साधित [साधित ] पण्हा० ३।५ ६१५६, ६६; ८।१६. विवा० ११११७०; २१११३५, ३६ साधु [साधु] सू०१।१५।२४; २।२।५५,७४,७५, २।५।२७. सामण्णओविणिवाइय [सामान्यतोविनिप तिक] ठा० ठा० ५।५१७।६६,७०; १०७४, १४०, १४१. भ० ४।६३७ १५१४१,५० सामण्णपरियाग [श्रामण्यपर्याय] सम० प्र० ८६. साधुत[साधुक] सू० १।११।२३ नाया० ११११२०८, २११,११२।७३ ; ११५८४, १०५, साधुरूव [साधुरूप] भ० १०२७, ३४, ५०, १०१, १०६ १२८; १।८।२६; १।१२।४७, ४८; १११४।५४, ८२; ।१३४.नाया००१२२०; १।१५।२१,१११६।२४,११६,३२४,३२५; १।१६।१०; . १२१६।१६३ २।११३६ साम[साम] ठा० ३।४००. नाया० १।१।१६; १।८।४५; सामण्णपरियाय [श्रामण्यपर्याय ] अण ० ११८, १५ १।१४।४. विवा० १।३।५०; ११४।६।१।६।३ सामत्त [श्यामत्व] आ०२१५४ साम[श्यामा] अणु० ३।३५ सामत्थ[सामर्थ्य ]नाया०१।१।१२०१५।८६,११८१८५ साम[श्याम] सम० १५।१।१. भ० ३।२५६।१; २०१६. १।१६।१६३. अंत० ३।८३. पण्हा० ३।६ नाया० १।८।२३४; १।१७।१४।१, १४ सामल [श्यामल] नाया० १।१७।१४।४ सामइय[सामयिक] ठा० ३।३६६, ३६६. सम० ८७ सामलय [श्यामलक] नाया० १।१७।१४।४ सामंत [सामन्त ] ठा० १०।२१ ७।३३,१०।०२।१.भ०१४।१०३; सामंतराय [सामन्तराज] भ० ११:५६ १६।५२. अणु० ३।३५. पण्हा० १।२५; ४१७ सामंतोवणिवाइया[सामन्तोपनिपातिकी] ठा०२।२३, सामली [शाल्मली] सू०१।६।१८ २५; ५।११६ सामवेद [सामवेद] ठा० ३।३६८. भ० २।२४. नाया० सामकोट्ट [श्यामकोष्ठ] सम० प्र० २४८।४ १८१३६ सामग[श्यामक] सू० २।२।६ सामवेय[सामवेद] नाया० ११५१५२; १।१६।४. विवा० सामग्गिय [सामग्र्य] आ० ८।४६, ६८, ६१. आ० चू० १।५।६. १३ १।२०, ३०, ४१, ४८, ६०, ८६, १०३, १२०, १२६, सामहत्थि [श्यामहस्तिन् ] भ० १०।१।१, ४४, ४५, १३७, १५६; २।२६, ४३, ७७; ३।२३, ४६, ६२; ४७, ४६ .४।१८, ३६ ; ५।४०, ५१; ६।४३, ५६ ; ७।२२, ५८; सामा [श्यामा] ठा० ४।१७६; ७।४८।१२. सम० प्र० ८।३१, ६।१७; १०।२६११।२०१२।१७; १३१८०; २२१११. उदा० ३१६, १७. विवा० १।६।११, १२, १४।८० १४ से १६ सामचंद[श्यामचन्द्र ] सम०प्र० २४८।१ सामाइअकड[सामायिककृत] सम० ११।१ सामणिय [श्रामण्य] सू०१७।२३; २।६।६ सामाइय [सामायिक] आ० चू० १५।३२, ३३. स ० सामणेर[श्रामणेर] सू० ११४।४४ १२२।३६, ४२, ५३; २७।२६. २।२४६; ४।३६२ सामण्ण[सामान्य] ठा० २।३७१, ५२२१६. भ० ६।१७६. ५।१३९. भ०११४२३ से ४२७, २१५७, ६६, ७१४, ____ अंत० ३१७१ ५, ३५,८।१४३, १६२, २३०,२३३६।१५१,१५५, सामण्ण [श्रामण्य ] सू० २।२।६७. ठा० ३।३६४; ६।६२. २१४,१११६६; १८।५३; २५॥३०४ से ३०६,४५३, सम० ३०१२; ४२।१; ७०।२. भ० ११४३३; २१६६%3B ४५४, ४५६।१,४५६ से ४६४, ४६७, ४६६ से ४७१, ३।१७, २१; ६।१३५, १५१, १५५, २३४, २३५, ४७३ से ४७८, ४८०, ४८३, ४८४, ४८६, ४८६ से २४०, २४३; ११११६६, १७२; १५२१८५, १८६; ४६४, ४६६ से ४६६,५०२, ५०३, ५०५, ५१०, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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