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________________ सयसहस्सखुत्तो आगम शब्दकोश सरपंतिया ५२।५,५५१५,५८।१,५६२६०१६;६३।१,६४१२, ४।६०७. भ० ५।१८६, २३५, ८।३५६% १५।१०१. ५, ७११३, ४, ७२।१, ७३।२; ७४।४; ७६।१, नाया० १११११५८, १६०; १।२।११, १।८।१५४; २॥१, ७७११; ७८१, ८०१४; ८३।४, ५, ८४।१, १।१६।२००. पण्हा० १११४, २०; ४१५; ५३; २, ५, १०, १२, १४, १८,६१२; ६६।२; प्र० ७६, १०.१५ ७७,७६ से ८३, ८५, ६२, ६४ से ६६, १३१, १४१, 1 ठा० ५१८, २३०,१०।२५ १४२।२, १४३, १४४, १४५।२, १४८, १५०, १५१, सरंब शरम्बापण्हा० ११८ १५२।१. भ०११२१२. नाया०१।१।१२२,१२३,२११. सरक/ सरकपण्हा० १०१६ उवा० २।४०. अंत० ३।१०४. पण्हा० १।३२. विवा० सरक्ख[स रजस्क] आ० चू० ११५१ १११७० सरग[शारक] आ० चू० १६१४३ सयसहस्सखुत्तो शतसहस्रकृत्वस् ] भ०५।४७;१५।१८६. सरग[शरक] नाया० १।१८।५६ नाया० १।१६।३१. विवा० १।१।७०; १।२।७३; सरगय [ स्वरगत] सम० ७२१७ ११३१६५; ११४।३६११।२६। १०११११८५ सयसाहस्सिय [शतसाहस्रिक] भ० ११।१५२ सरढाण[स्वरस्थान] ठा० ७।४०, ४०।२ सयसाहस्सी [ शतसहस्र] भ० ३३११२; ७।१८०,१८६ सरड [सरट] स० २।३।८०. नाया० ११८७२. उवा० सया [सदा ] आ० ११६८.आ०चू०१।२०. सू० १।१।८८. २।२२. पण्हा० ११८ ठा०२।३१६.भ०१७।३७.नाया०१।१।१६०,१२०. सरडग शरटक] पण्हा० २।१२।। - पण्हा० ११२३ सरडुयजाय [शलाटुकजात] आ० चू० १।११० सयाउ [शतायुष ] ठा०१०।१४३।१.सम०प्र० २१७।१ सरण[शरण] आ० २।८, १७, २१, ७७, ५।१६, ६२८, सयाजल [सदाज्वल ] सू० ११५॥३८ १०५. आ०चू० ३।४६, ५६, ६०,५१४८,४६; ६.५६, सयाजला [सदाज्वला] सू० ११५१४८ ५७. सू० ११११५७, ७६; १।२१७०, ७१, ११३१५७; सयाणिय [शतानिक ] विवा० ११५३, ४, ६, २१,२२ २१११५०, ५१, २।२।३४, ३५. भ० ३१११४५।१८६, सयाणीय [शतानीक] भ० १२।३० २३५, ८.३५६. नाया० १९०५४।५; १११६।२६३ से सर[स्मृ]-सरइ, अंत०३।८६.-सरई, सू० १।३।१६... २६५, २।१११६. पण्हा० १११४६३, ४; १०।११ ति, आ० ३।५६.- सराहि, पण्हा० ११२७ सरण [स्मरण] सू० १।६।२१ सर स्मारय]-सरयंति, सू० १।५।१६।। सरणदय [शरणदय] सम० ११२. भ० ११७. नाया० सर[स्वर आ० ५१२३. सू० १।५७,२५,३८, २।२।१८. ११७; २।१।१६. अणु० ३७५ ठा० ७।३६, ३६।१,४०,४०।१,४१, ४१११, २,४२, सरण्ण[ शरण्य] सम०प्र० २४१. पण्हा०४१५ ४२॥१, २,४३, ४३।७,४४, ४८११, २, १३, १४; सरद शरद ] भ०७।६२, ६।१५६. नाया० १६१।१५६; ८।१०, २३. सम० २६।१;प्र० ६१।१, २४१. भ. १६२०, २०१३ ७:५११३४.१३५:७।११६६।१४६;१३।१६४. सरदकाल शरत्काल] भ० १५१५७ नाया० १।१।१२६ ; १।१३।१७. पण्हा० ४१७; ७।१४; सरदब्भ [शरदभ्र] भ० ६।१६५ ६।१०; १०।१४ सरदहतलावपरिसोसणया [सरोद्रहतडागपरिसर[शर] आ० चू० १६।२. सू० १।३।१७. भ०१६।६६; शोषणता] भ० ८।२४२. उवा० १।३८ . २१।१८. नाया० १।१४।७८; १।१८।३५. पण्हा०३।५. सरपंतिसरःपङ्क्ति ठा० २।३६० विवा०१३।२४,४३ सरपंतिया [ सर:पंक्तिका] आ० चू० ३।४८; ११।५; सर[सरस् ] आ० चू०३।४८; ११।५; १२।२.ठा० २।३६०; १२।२. भ० ५।१८६, २३५. नाया० १।१।१५८; ७३६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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