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________________ - - २२० संबद्ध आगम शब्दकोश संभूय १६; १११६।५०,५४,१।१८।५१ से ५३,५६,२।१।२६. संभग्ग [सम्भग्न] भ० ३।११४. नाया. ११२१३३. उवा० १।१६, ५७, ५६, ६०,२।१६।३।१६,४।१६; १।६।१०, १११६।२६२, २६३, २७८, २७६, २८६. ५।१६ ६।३४;७५५८।२६; ६।१६१०।१६ अंत० पण्हा० १।२६; ३।१२, १५, ६२. विवा० १।६४; ६१५५. विवा० श२।३७, ५४; १।३।१४, २४, २८, १।४।२८, शश२७ ३२,५०, ५५, ६०,११७।१६, २१, २३, २५ से २७; संभम [सम्भ्रम सू० ११३।६५. भ० ६१६६, १८२. १।८।१७; १।६।३२, ४५ से ४७, ५७ नाया०११११३३, १६६, १७१. अंत०३१६८. पण्हा० संबद्ध[सम्बद्ध] सू० १।३।४८.ठा०२।२१३.भ०११।१३५; ७३, ४ . १२।१८३,१३।८७. नाया० ११११२१,१।२।६७ संभर सं+स्म] -संभरह, नाया० १८१८०१ संबर[शम्बर] पाहा० १६ संभरेत्ता [संस्मृत्य] ठा० ४।१४५ संबाह[सम्बाध] ठा० २।३६०५।२१, २२. भ०११।६१; संभव [संभव] सू० २।११२७, २।६।३२. ठा० २।२५८%; १३।१०४; १६।६५. नाया० १११।११८,१११४।४३; १०।६५. सम० २३।३,४; २४।१, ५६।२; प्र०१६, १।१६।६७, १८५, १६६, २२६; १११७।१७. अंत० २२२. भ० २०१६७. नाया० १११।१०६; १।१८।४८, ३।८१. पाहा० ४।४, ५; ५।१, १०, ८१२ विवा० ६१. अंत० ३७६ २।१।३१ संभव [सं-भू ] संभवंति, ठा० ७।४८।१ संबाहग [संबाधन] आ०६।४।२.पण्हा ० ६।४ संभवंत [संभवत् ] आ० ६।८७ संबाहा[संबाधा] आ० ५।६५ संभार सम्भार सू० २।२।५६२।७।१४. नाया०१।१६।८ संबाहिय [सम्बाधित] सू०१।५।४५ १४,१६ से २०, २२, २४ से २६. पण्हा० ३।६; ५२ संबुक्कावट्टा [शम्बूकावर्ता] ठा० ६।६६ संभार[सं-भारय] -संभारेइ, नाया० १।१२।२०. संबज्झ [सं+बुध ] -संबुज्झइ, नाया० १।१४।६२. संभारेति, नाया० १।१२।३०. -संभारेह, नाया० -संबुज्झह, सू० १।२।१ १।१२।३० संबुज्झमाण[संबुध्यमान ]आ० १।२४, ४७, ७८, १०६, संभारणिज्ज [संभारणीय] नाया० १।१२।२०, ३० १३३, १५७; २।१४८; ४११२, १३; ८।१५, ३०; संभारिय [संस्मारित भ०११।१७२. नाया०१।१।१६१ ६२।६. सू० १११०१२१ संभारियत्ता [सम्भारिकता] भ० ५।५७, ५८ संबुद्ध [सम्बुद्ध ] ठा०६।६२.भ० १।४२६;२।५०; ७।२२०; संभारेत्ता [संभार्य] नाया० १।१२।२० १६८१,८२; १८२२१. नाया० ११॥६२, ६७.उवा० संभिण्ण [ सम्भिन्न सम० ८८२ ७।२७ संभिण्णसोत [सम्भिन्नश्रोतस् ] पण्हा० ६।६ संबोह [सं+बोधय् ] -संबोहेइ, नाया० १।१४।६२. संभित [सम्भृत ] पण्हा० १०।१७ -संबोहेसि, नाया० १।१४१५१ संभिय [संभृत] सू० १।६।३. नाया० १।१६।८, १४, संबोहण [सम्बोधन] नाया० १।८।२०३ १६ से २०, २२, २४ से २६ संबोहि [सम्बोधि] सू० १।२।१; १।१५।१८ संभंजित्तए [सम्भोजयितुम् ] सू० २।७।१६. ठा० संबोहिज्जमाण[सम्बोध्यमान] नाया० १।१४।६३ २।१६८; ३।४७५ संबोहिय[सम्बोधिय] नाया ० १।८।२०४ संभू [सं+भू] -संभवति, भ० १५।१२७ संबोहेतव्व [ सम्बोधयितव्यम् ] ठा० ४।४३४ संभूत [सम्भूत] सम० प्र० २४३।१. पण्हा० २।६ संभंत [सम्भ्रान्त ]नाया०१।१।३६, ४०,१५९ १।८।७६; संभूतविजय [संभूतविजय ठा० १०।११६।१ १।१६।६२; १।१६।३४. विवा० ११११६७ संभूतिविजय [संभूतिविजय] विवा० २।६।१ संभंतिय [सांभ्रान्तिक] भ० १६।५४, ५५ संभूय [संभूत] आ० २।६७, ८३. सू० १३१।८०. नाया० ७०२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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