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________________ संतिकम्म आगम शब्दकोश संधि संतिकम्म [शान्ति कर्मन् ] भ०११।१५८.नाया०१।१।२५ १।११५३, २०६, २११, १।५।६४, ७२, ११०, ११३, __ पण्हा० २।१३ १२४,१२५; १।१४।४६;१।१६।२१,१०३; १।१६।२३. संतिकम्मत [शान्तिकर्मान्त ] आ० चू० २०३६ से ४२; पहा० ६।२१८।४ से ६, ११ ३४७; ४।२१, २२ संथारग(भूमि) [संस्तारकभूमि] आ०चू० २१७३ ; ८।२६ संति (गिह) [शान्तिगृह ] ठा० ५।२१,२२. भ० ३।२६८ संथारय[संस्तारक] आ०चू०२।६१, ७४; ३।२,३; ७७; संतिण्ण[संतीर्ण] सू०१।२।५६ ८।२८. सू० २।२।७२; २।७।४. भ० २।९४; ७।१६३; संतिभाव[सद्भाव] भ०२५।३२६, ३२७, ३२६से ३३१, ६।२२५ से २२८; १४।११२; १८।२१२; २५५७६. ३३३ से ३३५, ४७७, ४७८ नाया० १११११५२; ११५१४७, ११७ से ११६. उवा० संतिय [ सत्क]आ०चू० ५।२६ ; ६।२७. नाया० १।१६।३८ ११४५, ५५, ५६; २।१६, १७; ३३१६, १७; ४११६, संतुयट्ट[संत्वग्वृत्त] नाया० १।१३।२०,२५; १।१६।१५० १७; ५।१६, १७, ६।१६, १७,७।१०, ११, १७से १६, संतोस [संतोष ] ठा० १०।८३।१ ४०,४१, ५१,५२, ८।१६६।१६, १७; १०।१६,१७ संतोसि [संतोषिन् ] सू० १।१२।१५ २।२. भ० १४१७७. पण्हा०६।१० संथड [संस्तृत] आ० चू० ११४०, ६१; ५।४५; ६।५३. संथुय [संस्तृत ] सू० १६११६६; २।११५१; २।२।३५ भ० ११५०;३।४, ५, १६६; १३।१५० संद[स्यन्द्]- संदंति, सू० १।१२।७।। संथर[सं+ स्तु] —संथरइ,भ०२।६८. नाया० १।१।२०६. संदसगतुंड [ संदंशकतुण्ड] पण्हा० ३।१८ विवा० २।१।३०.–संथरंति, भ० १४।१०६.-संथरे, या०१।१६।१६३ आ०८।८१७.सू०१।२।३५.–संथरेइ,नाया०१।१६।२१. संदणस्यन्दन] पण्हा० १११८; १, १०; १०।१५ उवा० १६०.-संथरेज्जा, आ० ८।१०६. आ० चू० संदमाण [स्यन्दमान] भ० ८।३६१; ११११५६. नाया० ११२६ १२५।१५; १।१६।१३८ संथरमाण[संस्तृण्वत् आ० चू० ३।८ से १३ संदमाणिया [स्यन्दमानिका] सू० २।२।५८, ६३, ७१. संथरिज्जमाण [ संस्तीर्यमाण] भ० ६।२२८ भ० ३।१६४, १७२, १८२, १६४ से १६६; ५।१८६, संथरित्ता [संस्तृत्य] भ० २।६६. विवा० २।१।३० २३५ संथरेत्ता [संस्तृत्य ] आ० ८।१०६. आ० चू० २७३. संदिश [सं+दिश्] -संदिसउ, नाया० १।१६।२१६. ___ नाया० १।१।२०६. उवा० ११६० ---संदिसंतु, भ०६।१८६. नाया०११३।१२. विवा० सथव [सस्तव] आ० ४।१७. सू० ११२६, ३३, ६०, १११।२६.-संदिसतु, भ० १२।६.-संदिसह, नाया० १।४।१३, १६, ५०. पण्हा० ५।२ १११११२४. विवा० ११११६६.-संदिसाहि, नाया० संथव[सं+स्तु]-संथवेज्जा, सू० १।१०।११ १।११५७. अंत० ३।४८ संथवय[संस्तावक नाया० १।१६।१८५ संदेस [ सन्देश] नाया० १।८।२२१; १।६।१६ से २१, २४ संथार [संस्तार] आ०चू०२।४१,४२, ४४;१५।२५.भ० संदेह | सन्देह ] सम० प्र० ६०. नाया० १।३।३५॥१ १३।१०३. नाया० १।११५३;१।१३।१४.उवा०११४२; संध [सं+धा]-संधए, सू० १।६।३६. -संधयाई, ७।४४. विवा० २१११३० सु० २।६।२. –संधाति, आ० २।५५. सू० ११११५. संथारक [संस्तारक] पण्हा० ७।१६ -संधिस्सामि, आ०६।६०. --संधेइ, आ० ११८. संथारग [संस्तारक] आ० चू० १।२६; २।१२, ५७ से -संधेज्जा, सू० ११४१५ ६०, ६२ से ६६, ६८, ६६, ७२, ७३; ८।१२, २२, संधारिय[संधारित ]नाया० १३१३१८१, १८६ २३, २६,२७, ६।१२. ठा०३१४२२ से ४२४; ११०२. स २११०६, १२७,३१५१; ५।२०, ३०, सम० ३३।१. भ० ८।२५०; ६।२२५, २२६. नाया० ४१, ६८, आ० चू० १।६२. सू०१।१५।१२; २।१।५२; ६९८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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