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________________ विहारभूमि आगम शब्दकोश वीतरागसंजम . विहारभूमि [विहारभूमि] आ० चू० ११६, ३८, ४०; वीइज्जमाण [वीज्यमान] नाया०१।१।६५,६६,१।८।५७, ३।२, ३, ५१४३, ४५; ६।५१, ५३. सम० ३३३१.भ० १६१, १६३; १।१६।१४६, १५३, १५६, १५७, २३७ ८१२५२; ११११४५ वीइत्ता [वीजयित्वा] आ०चू०११६६ बिहारि [ विहारिन् ] आ० ५।६६ वीइय [वीजित ] नाया०१।१।२४,३४ विहि[विधि] आ०६।१।२३;६।२।१६।६।३।१४,६।४।१७. दीइवइत्ता [व्यतिव्र ज्य] सम०प्र० १५०.४० १४१३६. सू० २।२।५८, ६३, ७१; २।६।३५.ठा० ४।२४४. भ० अण०११८ ६।१५६; २५।६७११. नाया ०१।१।८८; १।१७।३६॥५. वीइवय [वि. अति+वज्] –वीइवएजमा,भ०५।१५७ १३; १।१८।४५. उवा० ११२८, २९. पण्हा० २।१२; वीइवयमाण [व्यतिव्रजत् ] नाया ० १।१।५६; १।१४।१०; ३।२४; ५।१, ३, १०; १०१६ १।१६।२७४, २७५,२८१. अंत० ३३८६; ६१४०,७६ निहिस [विहिंस] पण्हा० २।१६ वीई[वीच] भ० १३।१५८; १६।१०३; २०।१६ विहिस [वि + हिस्] -विहिसई, आ० १।२७. सम० वीईवइत्ता व्यतिब्रज्य] भ०२।११८.नाया०११।२११. ३०।१।१८. --विहिंसएज्जा, सू०१।१४।२३. --विहि- अणु० ११८ संति, आ० ८।८।१०. -विहिंसति, आ० १।१६. वीईवय व्यति+ व्र-वीईवइउं,नाया ०१।१६।१६०. ---विहिं से ज्जा, भ०७।६ -बीईवइत्था, नाया० १११६।२६४. ---वीईद इस्सइ, विहिसण विहिंसन] पण्हा० ११२६ नाया०१।२।७६.--बीईवएज्जा,ठा०३१८८.भ०६।७५. विहिय [ विहित] नाया० १।१।१७; १।२।८.विवा० १।२।७ वीईवयइ,भ० ११४७.नाया० १।६।४६. अंत० ६७८. बिहुण[वि+धू]-विहुणामि,नाया० १।६।३२.-विहुणे, विवा० शा३६. –वीईवयंति, नाया० १।९३८. सू० २।६।२० -वीईवयह, नाया० १।६।३६ विहुयण [ विधुवन] सू० १।४।४१ वीईवयमाण [व्यतिव्र जत् ] भ० ३।३८, ११२, ११४; विहुर [विधुर] नाथा० १।२।११ ६।७५; ७।२१६; १८।१३६. नाया० १।४।२१; विहवण [विधुवन] आ० चू० १।६६ ११८।१९६; १।९।१६, ३२, ३७; १।१३।३६. उवा० विहूण [विहीन] भ० २।१२३; १३।६६; २६।१६, २५, ११७२,७६. विवा० १।८।८; १९३७; १।१०।४ २७, ५२, ५३ वीची [वोचि] ठा० १०।१०३. नाया० १।६।१०. पण्हा० विहूणिय [विधूय] सू० १।१।३६; १।२।१५ ३७, २३; ४८ विहेडयंत [विहेडयत् ] पण्हा० ३।१२ वीचीदव्व [वीचिद्रव्य भ० १४१७२, ७३ विहेडि [विहेडिन् ] सू० १।८।४ वीजिउं [वीजयितुम् ] आ० १।१४६ विहेलग [विभीतक] भ० २२।२ वीजिय [वीजित] भ०७।१७६, १८५. नाया० १।१।३३ वीइ [वीचि] पण्हा० ४१५ वीणग्गाह [वीणाग्राह] भ०६।२०४ वीइकंत [व्यतिक्रान्त] सम० ७०।१ वीणा [ वीणा] आ० चू० ११।२. भ० १५॥१३७. नाया० वीइक्कंत [व्यतिक्रान्त] अ० चू० ३।४, ५; १५५. ठा० १।१७।२२.अणु० ३।४६. पण्हा० ४।४; १०११४ ६।५, ६२, ६६, सम०७१।१; ८२।२;८३।१;८९।१,२. वीतगेहि [वीतगृद्धि] सू० १।८।२६ प्र०६३.भ०११११४६,१५३. नाया० १११।२०,३३, । भ०७।२५ ७३; १२।१७; ११८।३४; १।१२।४२१११६३१२४. वी भ०१९७,१०१, २०२६६से २६८, उवा०१॥५७,२।१८; ३।१८; ४।१८, ५॥१८, ६॥३३, ४६० ७।५४८।२५; ६।१८,१०।१८ वीतरागसंजम [वीतरागसंयम] ठा० २।११०,११७से बीइक्कमावेत्ता [व्यतिक्रमय्य] भ० ७।२२४ ११६, ८।१०७ ६७८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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