SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 645
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वइत्ता आगम शब्दकोश वंचणया वइत्ता [उक्त्वा ] आ० ६।६३. सू०१।६।२६.भ०५।१२४. वइरुत्तरवडेंसग [वनोत्तरावतंसक] सम० १३।१४ नाया०१११४१८०. उवा० ७.१०,१७ वइरोअण[वैरोचन] ठा० ८।४५ वइत्ताणं [ उक्त्वा ] सू० १।४।२३ वइरोयण [वैरोचन] सम० ८।१५; १७।८. भ० ६।१०६ वइत्तु [वदित] ठा० ३३१७ से १६;७।२८,२६.सम०३३।१ वइरोयणराय [वैरोचनराज] ठा० ४।१५१; ५।५६, वइदंड [वाग्दण्ड] सम० ३।१ ५८; ७।११४; १०१५२, ५३. भ० ३।१२, १४, २७२, वइदुप्पणिहाण [वाग्दुष्प्रणिधान] उवा० १।४० १०५२ से ५४,७५,१६।१२१. नाया० २।१।५।। वइपओग[वाक्प्रयोग] सम० १३।७; १५७ वइरोयणिद [वैरोचनेन्द्र] सू० १।६।६. ठा० ४.१५१; वइपुण्ण [वाक्पुण्य ] ठा० ६।२५ ५।५६, ५८, ७।११४; १०१५२, ५३. सम० ६०॥४. वइबल [वाग्बल] आ० चू० १३७८; १४१७८ भ० ३।१२, १४, २७२; १०१५२ से ५४, ७४, ७५; वइर [वज्र] ठा०६।४५।१; १०।१६२.सम०१३।१४. भ० १६।१२१. नाया० २।११५ २।११८; ३।२६८; ५।२५५, ७।१७७, १८६६।१२२; वइरोसभणाराय [वज्रऋषभनाराच] ठा०६।३०,७७६ १०९८; १३।६०, १५१,१६०; १५६१; १६१९७; भ०६।३८, ६०; १११६८, १९८; २४.५६, ७६,८१, . १८।१०६. नाया० १।११३३, ५६, ८६, १२६, १३६; १२१ १।१७।१४, १६, १८. पहा० ४१४,७ वइरोसभनाराय [वज्रऋषभनाराच] सम०प्र०१८६ वइरकंड [वज्रकाण्ड] सम० प्र०६८ वइवत्तिय [वाक् प्रत्यय] सू० २।४।२ वइरकंत वज्रकान्त ] सम० १३।१४ वइसंजम [वाक्संयम] सम० १७।२ वइरकूड [वज्रकूट] सम० १३।१४ वइसमिति [वाक्समिति] ठा० ८।१७ वइरजंघ[वज्रजङ्घ] सम० प्र० २५७।१ वइसमिय [वाक्समित] सू० २।२।१६, ६४. नाया० वइरज्झय [वज्रध्वज] सम० १३।१४ १।१।१६४; ११५१५५; १।१४।४०. अणु० ३।२१ वइरणाभ [वज्रनाभ] सम०प्र० २२३।१ वइस ह [वैशाख] आ० चू० १५।३८. ठा० ४।६४१।१. वइरतल [वज्रतल] सम०७४।२ ___ सम० २६१७. भ० १८।२१६. नाया० ११५७५ वइर (पत्त) [वज्रपात्र] पण्हा० १०।४ वइस्स [वैश्य] विवा० १।५।१४, १५ वइरप्पभ [वज्रप्रभ] सम० १३।१४ वइस्सदेव [वैश्वदेव] भ० १११६४ वइरमज्झा [वज्रमध्या] ठा० २।२४८; ४।६८ वउ [वपुष्] सम० प्र० ६६ वइररिसहणाराय [वज्र ऋषभनाराच] नाया०१।१।६. प्र० २३११३ उवा० ११४ वओगोयर [वाग्गोचर] आ० ८।१०, २७ वइरलेस [वज्रलेश्य ] सम० १३।१४ वंक [वक्र] आ० १६८; १५८. ठा० ४११२ से २१,२६६. वइरवण्ण [वज्रवर्ण] सम० १३।१४ भ० ७।११६; १८।१०४. नाया० १८७२; १९१० वइरसिंग[वज्रशृङ्ग] सम० १३।१४ वंकाणिकेय [वक्रकनिकेत] आ० ४।१६ वइरसिट्ठ [वज्रसृष्ट] सम० १३।१४ वंग [वंग] भ० १५१२१. पण्हा०४।८ वइरसेणा [वज्रसेना] नाया० २।५।२।३ वंच वञ्चय]-वंचयंति, सू० १।१३।४ वइरागर [वज्राकर] भ० ३।२६८ वंचइत्ता वञ्चयित्वा सू० ११५२६ वइरामय[वज्रमय] ठा० ४।३३६ ; १०।३४, ३५. सम० वंचण[वञ्चन] सू० २।२।५८,२।७।२२.नाया०१।२।११; ३५१५. भ० १०६८; १९३४ १।१८।१६. पण्हा० ३।१,१४, २६ वइरावत्त [वज्रावर्त ]सम० १३।१४ वंचणपर [वञ्चनपर] पण्हा० २।३ वइरित्त[व्यतिरिक्त] भ० १४।८१ वंचणया [वंचन] सम ० ५२।१. भ० १२।१०५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy