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________________ रयणुत्तम आगम शब्दकोश रसमंत रयणुत्तम [ रत्नोत्तम] नाया० १।१।५६ रविय [रुत] नाया० १६।२०।३ रयणोरुजालय [रत्नोरुजालक] पण्हा० १०।१४ 1० २।४; ३।४; ११४०; ११२०. आ० रयत रजत ] ठा० ८।६५।१; ६।४६।१ चू०४।३७; १५१५, ७५. सू० १।६।२०, १९८% रयतगिरि रजतगिरि पण्डा० ४१५ १।१२।२२; २।१।१७, ५०, ६१, २।२।३४,४५,५८, रयत (पत्त) [ रजतपात्र] पण्हा०१०।४ ६३,७१, २।३।२ से १००,२।६।२२,३८.ठा०११५८, रयत्ताण [रजस्त्राण] भ० ११।११३; १२।१२८.नाया० २३४,२४७; २२०४,२३७, ३१३०३ से ३०८,३६४; ११।१८.पण्हा०१०।१० ४।१३५; १४ से १५, २३, २६ से ३१, १२५से १२७, रयय [रजत] ठा० ८।१०; ६।४५. भ० २०६४; ३।४; १७४,२१३।४,२२८,७।२८,२६, १४३, १४४,८।१०; ६।१४१, १६५; ११११३३; ११११५६, १३४; १२२१७; । ६।६२; १०३ से ५, ७, १६,१४०, १४१,१७८.सम० ११३८, ११५७. नाया० १११४५६, १३४; ११२।७; ५॥३; २२॥३; ३४११; प्र० २३०।२. भ०२।१५, ४५, ११३।८; ११५१७. उवा० ११११. पहा० ८।२ ४७, १२५ से १२६;४।८।१।५।१७२, १७८,६।१६०, रययकूड[ रजतकूट] नाया० १।१।१८ १६७; ८।३६, ३८, ६७, ७०,४६७, ४६८, ६।१५६; रययगिरि [रजतगिरि] नाया० १।१।१८६ ११११७, ७८ से ८१,१०८, १६१, १२।१०२से १०७, रययमहासेल [ रजतमहाशैल] भ० ११११३३ ११३, ११४, ११६, ११८, ११६, १२८; १४१५०, रययामय [ रजतमय] भ० ६।१४१, १६७; ११।१४८. ६१, ६४,८७,१८।१०७से१०६, १११से ११५,११७; ___ नाया० १२१११३७; १।३।१०. उवा० ११४७;७।३३ १६॥८६,१०७,१०८;२०१३,२१, २६ से ३६,२५१७२, रयहरण रजोहरण ] ठा०५।१६१.भ० ५३७६; ८२५०; १५०, १६१, १६६, १६०, ५७०. नाया० १११६३; ६।१८३ से १८५, १९४;१३।११६. नाया०१।१।१२१ १।२।१२:११५११।१२।३,४,१२से १४,१६,१६,२०; से १२३, १३३. अंत० ३।८४. पण्हा०६।२१; ८।४ १।१५।११, १।१७।२२से २७,३६।१६. उवा० १११४. रयावरचय]-रयावेइ,नाया०११२५. -रयाति, अंत० ३१५३. पण्हा०१११२, १३, २१८; ३।१३, २३; भ०६।१६०.नाया०१।१।१२८.---रयावेति,भ०११।१३८ ४।४, ५, ७; १०।१७. विवा० १।६।४८, २।१।११ रयावेत्ता [रचयित्वा] भ० ६।१६०. नाया०१।१।२५ रस [रस्] - र संति, सू० ११५॥२५. पण्हा० ११२७ रयुग्घात [रज उद्घात] ठा० १०।२० रसओ [ रसतस् ] भ०८।३६; १८।२०० रयग्घाय रिजउद्घात] भ० ३.११२, २५३ रसंत [रसत्] सू० ११५।२५, ३६ रव रव सू० २।३१. ठा० ८.१०. सम० ३०१०१६. रसगरसज] आ० ६।१२ भ० २।३० ; ३।४, ११२; ६।१८२, २०७; १०।६६; रसगारव [ रसगौरव] ठा० ३१५०५. सम० ३।४ ११।६१; १४१७४; १६।५५, ७१; १८०४७ से ४६. रसज [रसज] ठा० ७३, ४; ८।२, ३. पाहा० ४।१३; नाया० १११।३३, ६७, ६६, ११८,१५६; ११३८ १८ शक्षा६७, ७२, १६१, १६३, २०२; १।६।२०।२, ४१; रसजत्ता [रसजता] ठा० ७।४; ८।३ १११४१५३ : १।१६।१४१. १५६; १११८३५, ४०; रसण[रसन] पण्डा० ११३२से ३४ २।१।१०,२६.अंत०३।८१.पण्हा०३१५.विवा०११३।२४, . ४३ ; ११९।४५, ४७ रसत्त[रसत्व] नाया० १।१५।१३ रव [रु] - रवइ,सू० १।४।१८. -रवति, ठा०७।४१।१ रसनाम [रसनामन् ] सम० २१६;२८१५; ४२।६ रवभूय [ रवभूत] नाया०१।८।६७; १।१८।३५,४०.विवा० रसपरिच्चाय [रसपरित्याग] ठा० ६।६५. सम०.६।३. ११३।२४, ४३ - भ० २५५५५८, ५७० रवि [रवि] भ० ५।१।१. पण्हा०.२।१३; ४।४, ७,८ रसमंत [रसवत् ] आ० चू०४।८.सू० २।१।२ से १०.ठा० .. ४१३५० ६०८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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