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________________ मणोज्जा अंगसुत्ताणि शब्दसूची मैत्थय १०८; ५।११, १२; ६।२५,३५; ८।१४.अणु०३।११, . सू० ११११५७; १।१४।२, ३, २।२।७, ७७ . ५६, ७३. विवा० १।१।४१, ६०; १।२।१५; १।३।१५; मण्णा [मन्या] सू० २।११५१, २।२।३५. भ० १६३१ ११६।३४:१७।११,१११८८११६६,५१:२।१।३१, . ११३८,१११५१२३,२४; २।२।४४.भः १।१७०; १५१७७ मणोज्जा[मणोज्जा] भ० २२१५ मतंगय[मदाङ्गक] ठा० ७।६।१; १०।१४२।१ मणोदव्ववग्गणा[मनोद्रव्यवर्गणा] भ०५।१०६,१४७६ मति [मति]आ०२।१५६.ठा० ३।४०७; ४१५७६ से५८२, मणोमय [मनोमय] पण्हा०३।२३ ६०७. भ०७।१७५, १८४; ११११३४; १५४.नाया. मणोमाणसिय [मनोमानसिक] आ० चू० १५॥३६.भ० १।६।४१. पण्हा०४।३; ५।८।६।६७।१३ १३।१२०; १२१४८, १४६, १५२. नाया० १।११४४, मतिअण्णारण [मत्यज्ञान] भ० १७।३० .१०५. अंत० ३।६७ मतिअण्णाणि[मत्यज्ञानिन् ] ठा० ८।१०६. भ० १६८ मणोरम[मनोरम] सू०१।६।१३.सम० ६।१,२; १०।२२; मतिभंग [मतिभङ्ग]ठा० १०।१४।१ १६।३।१. भ० ८।१०३, ६।३, ४,१०।१५०,१११५७. मतिम मतिमत् आ० २।१५६; ८२६. पण्हा०६।२३; नाया० १।८।२१० से २१२,२१४,२१५.विवा०२।३।१ ७।२३; ८।१५; ६।१३; १०।२० मणोरमा [मनोरमा] ठा० ४१३४६. सम० प्र० २२४।३ मतिसंपया [मतिसंपत् ] ठा० ८।१५ मणोरह[मनोरथ ] भ० ६।२०६. नाया० ११११४६, ५०; मतीम[मतिमत्] सू० १।१०।२१ ५३; ११२।१३; १।९१०.पण्हा० ३।२४.विवा०१।७।२० मतीय[मतिक] पण्हा०६।६ मणोविन्भम [मनोविभ्रम] पण्हा०६७ ० चू० ११६३, ६४,८१, १०२, १४१ से मणोसिला [मनःशिला] आ० चू० ११७१, ७२. भ० १४३, १४८, १४६; २।४६; ३।२०. सू०२।२।११. ११।१५६ ठा०३।६४,६५,१०११४. भ०११३७३२।५५,३३१४८% मणोसिलाय [मनःशिलाक] ठा० ४१३३० ७।१६८, २२७, ८।३६१, १२।१२५, १३६, १४२; मणोहर [मनोहर] आ० चू०१५।६६. ठा०६।३,४.सम० . १३।१२०, १५९५, ६६; १८११२०, १२१,१२३ ६।१,२ चु० ११३२. सम०प्र० २४१. नाया० मणोहरा [मनोहरा] सम० २२४१३ १।१।३३, १३७, १६३; १।२।११; १।१३।१७. उवा० मण्ण मान्य] नाया० ११७।४४।८. अंत० ३।४३ २।२८, ८२७, ३८,४६. पण्हा० ३३१, ५, ६, २६; मण्ण मन]-मण्णइ,भ०१५१०२. नाया० शा१५४. ४१५ से ७ . -मण्णे,भ०७।२१३.नाया० १११।१६.-मण्णेज्जासि, मत्तंगय [मत्ताङ्गक] सम० १०८ आ००६।१७. मत्तग[अमत्रक] आ० चू० ३।२४. सू० २।२।२५, ३० मण्णंत [मन्यमान] सू० १।११।२५ मत्तगय [मत्तगज] भ०९।१६७ मण्णमाण [मन्यमान] आ० २११५, ४४, १४३,५११६, मत्तजला मत्तजलाठा० २१३३६:३।४६० ६६,६७८, ६३. आ० चु० १११,४ से ७, १२ से १८, .. [०७।३, २४ ... २१ से २५, २६, ४१, ६३, ८१ से ८५, ८७,८८, ६०से मत्तयला[मत्तजला] ठा० ६।६१ १०२, १०४, १०६ से ११६,१२१,१२३, १२८, १३३ मत्ता[मात्रा] आ० २।६५, ८१; ३।६६. से १३६,१४१ से १४७, १५१; २।४८, ५७ से६१,६३, मत्ता[मत्वा] सू० ११२।५४; ६४; १५ से १५, १७ से २०, २२ से २५, २८से ३०; मत्थय [मस्तक] सू० २।१।१५.सम०३०।११५.भ०२।६८% ६।४ से १४, १६ से १६, २१ से २६, २६ से ३१,४६; ३।१७,४६, ५०, १२८, १७५, १७८, १८२, १८७ ... ..७।२६ से ३१, ३३ से ३८,४० से ४५; ८.१; ६१,२. ६।१५६, १५६, १८२, १८५, १८६, १८८, २०१; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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