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________________ भिज्जाणिदाणकरण आगम शब्दकोश भिज्जाणिदाणकरण [अभिध्यानिदानकरण] ठा० भिसमुणालजोणिय [विसमृणालयोनिक] सू०२।३।७५ ६।१०२ भिसमुणालत्त [विसमृणालत्व] स० २।३।४३ भिज्जाणियाणकरण [भिध्यानिदानकरण] ठा०४१५६६ भिसय [भिषज् ] सम० प्र० २३२।३ भिण्ण [भिन्न] सू० ११५१६,१५, ४१, ४६. ठा०२।२२६; भिसरा [दे०] विवा० १।८।१६ ४१५६५; १०।२।१, ६६, १५९. सम० प्र० ११०. भ० मिसिग [वृषिका] सू० २।२।२५, ३० ११११, १२, ४४३; ६।२२८; १२।१२३; १५।८६ से भिसिया [बृषिका] आ० चू०२।४६; ३।२४; ७।३,२४. १२; १६।१०१. नाया० ११८७६१११८।२१, ३०. भ० २।३१, ११११५९१४।१०६.नाया० ११८।१०४, पण्हा० ११२६; २।१३, १६, ३।१६. विवा०१।२।६६; १४१, १४७,१५१, १।१६।१८७, १६८,२२८ १।३१८, ६५; १।५।२६ भीत [भीत] सू० २।६।१५. ठा० ५।१०२; ७१४८।५.भ० भिण्णकहा [भिन्नकथा] सू० १।४।७ ६१६७. पाहा० ७।२० भिणपिंडवाइय [भिन्नपिण्डपातिक] पण्हा० ६।६।। भीम भीम] आ० ६।२७, ६. आ० चू० १५५१६. ठा० भिणपिंडवातिय [भिन्नपिण्डपातिक] ठा० ५।३६ ३१३६६, ४१६५, ६६२. सम०प्र० २५७।१. भ. भिण्णमुट्टि [भिन्नमुष्टि] नाया० १।३।५, १६ ३।११२,२७५।१६।८५.१०२,७११७५,१८४;१०८५. भित्ति [भित्ति] आ० ६।१।५. आ० चू० ५।३७; ६।४०; नाया० १।२।६७; ११८७२; १९२५. उवा० २।२२. ७.१२; १५२८ पण्हा० ११२३, २७, २०१५; ३३५. विवा० शरा२१, भिन्न [भिन्न] भ० १५।८६ से ६३. नाया० १८७२. २२, २५ से २८, ३६, ३७ ____ पहा० ३५ भीमतर[भीमतर] नाया० १।२।११, ३३ भिन्नपुव्व [भिन्नपूर्व] आ० चू० २।२६ भीमरूव [भीमरूप] पण्हा० १२६ भिन्भिसमाण [बाभास्यमान] आ०चू०१५।२८.नाया० भीमसेण [भीमसेन] ठा०१०।१४३॥१.सम०प्र०२१७३१. १११८६, १२६ नाया० १११६।१४२, १४३ भिलिंग [दे०] सू० १।४।३६ भीमागार [भीमाकार भ० ३।११२ भिलिंग [दे०] -भिलिंगेज्ज, आ० चू०१३।५ भीय [भीत] आ०६।११५. आ० चू० ३१५६,६०; ५४८, भिलुगा [दे० ] आ० चू० ११५३ ४६ ६.५६, ५७. भ०३।४६, ११४,२१०, १२।२६; भिलुया [दे०] आ० चू० १०।१७ - १५६६,६७,१८११४६, ४७.नाया०१।१।१४५, भिल्लिरी [दे०] विवा० १।८।१६ १६०,१६८; ११२।६७; १२३।१८, १६; ११४१०; भिस [भृशम्] सू० ११४१३. भ० १३।१६१ १।५।२०,२६, ३०, ८६, १२३, १शक्षा७२,७६,१८६; भिस [विस] आ० चू०१।११४.सू० २।३।४३,७५.नाया० १।९।१७, २५, २७,५४।२; १।१२।३९ १११४१५३; १।१३।१७ ६६,७६१।१६।२६३१।१७।११,१५,१८,१।१८।३७, भिसंत [भासमान] भ० ६।२०४ ४४; २।१।१५.उवा० ८।४२. अंत० ३।३०,८६,१०१, भिसग [भिषज्] नाया० १।८।२३० १०८, १०६. पण्हा० ११२६, ६।४. विवा० १२११६५. भिसजोणिय [विसयोनिक ] सू० २।३७५ ६६; ११२।३३, ३४; ११६।३४; १४९।१६, १८ भिसत्त [विसत्व] सू० २।३।४३ भीरु [भीरु] आ० चू० १५१५४. सू० १।३।७, ४०, ४१. भिसमाण [भासमान] आ०चू०१५।२८.नाया०१।१।८६, ठा० ४।२४०।३ १२६ भीख्य [भीरुक] आ० चू० १५१५४ भिसमुणाल[विसमृणाल] आ०चू०१११४.सू०२।३।४३, भीसणमुह [भीषणमुख] नाया० ११८७२ भुंज [भुज्] -भुंज, सू०१।३।३३.-भुजइ,सू०१।२।४२. ७५ . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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