SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 521
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुढवीकाइय आगम शब्दकोश पुण्ण पिवासिय ११ ११६६, ७६, ७६; ८।३७,४१,४३, ४६.अंत०५।१६, २।२७८, ७६. पण्हा० २।१,१५, १८. पण्हा० १११४, ३५; ६१५,७; १०१११. विवा० ११११५७, ७०; ११२१४२,४४,६६, ७३; १।३।२२,६५; पुण 1०२।३२३,५२३७,६७५,७।१४७; १।४।१७, १६, ३२,३६,११५।१६,२६; ११६।२४,३७, ८११६. सम० ५।१०, ८६; ४५।७; प्र० २२६।२, १७।१७, ३८,१।८।१३, २७,१६।२६,५६,१११०१८, २४२।१ पुणाई [पुनर्] उवा० २।४६ पुढवीकाइय [पृथ्वीकायिक ] सम०प्र०१६०.भ०६।१३, पुणो [पुनर् ] आ०१।६८.सू०१।१।२६.सम ० ३०।११६,३१. ___ अंत० ३।४३. विवा० ११७११६ पुढवीकाइयावास [पृथ्वीकायिकावास] सम०प्र० १४६ पुणोपुणो [पुनःपुनः] नाया० १।१।२४ पुढवीकाय [पृथ्वीकाय] आ० चू० १।६१. सम० ६।२ पुण्ण[पुण्य ] आ० २।१७४.सू० १।१।१२; १।११।१७,१८; पढवीकायअसंजम [पथ्वीकायअसंयम] सम० १७। १ २ ।२०७२२१५।१६; २।६।२६, ४३, ५०; २७।४. पुढवीकायसंजम [पृथ्वीकायसंयम] सम० १७।२ ठा० ११११; २।१६।६, २५. भ० ११३५६; २०६४; पुढवीथूभ[पृथिवीस्तूप] सू० १।१।६।। ६।१३७; १०१४७; १४।११२. नाया० १।१।३३,१५६; पुढवीपति [पृथिवीपति ठा० ७।४३१५ १।२।१२; ११५।४७; १८७६; १११३।१५, २५; पुढवीवडेंसय [पृथिव्यावतंसक] विवा० १।६।२ १११८१५१ से ५३;१२१६।२६, ३४. उदा० १०३१,५५. पुढवीसिलापट्टय[पृथ्वीशिलापट्टक] भ०२।६६.नाया० ५६; २।४०, ४५; ८।२७, २६, ३८, ४०, ४६. अंत० १।१।२०४, २०६; १।५।८३,१०४, १२७१।८।२२५; ३।४३; ५।११. पण्हा० ३।७. विवा० २।१।२३ १९।१५; १११४१८२,१।१६।३२, ३३. उवा० ६।१८, पुण्ण [पूर्ण] आ० चू० ३।१४. सू० १।५।२०, २४. ठा० २०, २४, २८. अंत० ५।१६ २।३५८,४।१२२, ५६० से ५६४;७।४८।६।६।४३३१, पुढवीसिलावट्टय [पृथ्वीशिलापट्टक] भ० ३।१०५ ४६।१, ४७११, ४८।१, ५३११, ५६।१, ५८।१. सम० पुढो [पृथक् ] आ० १६१५, १६, १७, ४०, ५७, ६०, ७१, १३१४; ३२।२; प्र०६०. भ०११३१३; ३३१४८,२७४; १६, १२४ से १२६, १५०; २१५७,१०४, १३०,१५२; ६।१५६, १५६; ६।१४६, १६३, १७४; ११११४८, ३१७६% ४।१२, १६, २०, ३६, ५।२५; ६।१।१४.सू० १७२, १३१५८।११५१६३. नाया०१।१।१३७, १६१; १।१।२८,३०,७२,१।२।४,३०,११७।८,२०७१।१०।४, १।८।६६,१८०।११।२०७१।१०।६।२,४,१।११।१०७, ८,१७,१११११७,१११२।११।१४१५,१५,१।१५।११ ८; २।३।११. उवा० २।३४. पण्हा० ३७. विवा० २१११२६, ६६२।२।५०; २।६।१, ११.ठा० ४१५६८%; २।११२३ ७.२ पुण्णक खिय [पुण्यकाङिक्षत] उवा० २।२२, २८, ३४; पुढोजण [पृथग्जन] सू० १३१६ ३।२१ ; ४।२१; ५।२१; ७।५७; ८।२७ पुढोवम [पृथ्व्युपम] सू० १।६।२५ पुण्णकलस [पूर्णकलश] भ०६।२०४ पुढोवाद [पृथग्वाद] सू०१।१०।१७ पुण्णकामय पुण्यकामक] उवा०२।२२,२८,३४,३।२१; पुढोसिय [पृथ्व्युषित] सू० १।१२।१३ ४।२१; ५।२१ ; ७।५७; ८।२७ पुण [पुनर्] आ० १३. आ० चू० १।१. सू० १११।१५. पुण्णघोस [पुण्यघोष सम० प्र० २५८।३ ठा० २।४१३. सम० २०।. भ० १११६७. नाया० पुण्णचंद [पूर्णचन्द्र] पण्डा०४१५ १।१।१०६. उवा० ११२०. अंत० ३।६८. पण्हा० १४. पुण्णचरित्त पूर्णचरित्र] नाया०१।१०।६।२ विवा० १११।६० पुण्णणंद [पुण्यनंद, पूर्णनंद] सम०प्र० २२६।२ पुण [पू] -पुणंति, नाया० ११७।१५ पुण्णपिवासिय [पुण्यपिपासित ] उवा०२।२२,२८,३४; Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy