SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 510
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पावसुयपसंग अंगसुत्ताणि शब्दसूची पासणया पावसुयपसंग[पापश्रुतप्रसङ्ग] ठा०६।२७. सम०२६। १ १ ।१४०; ११४१४, ८, ६, ३१,२।२।१२, ५८.नाया० पावाइ [प्रवादिन् ] सू० २।६।११ १।१७।२७, ३७।२. पण्हा० ३।२४; ४११, १५, ५१७ पावाइय [प्रावादिक] आ० ४।३० पास [दृश्] -पस्सइ, सू० १।१२।८. –पस्सई, सू० पावाउय [प्रावादुक] सू० १।११७२; २।२।७६, ७७ १॥३॥१. –पस्संति, सू० १।१२।८. –पस्सति, सू० पावादुय [प्रावादुक] आ० ४।२५. सू० १।१२।१; १।१३।८.. -पास, आ० १३१५. सू० १।२।८. २।२७६, ७७ : -पासइ, आ० चू० १२।१. सू० १।१२।१८. ठा० पावाभिगम [पापाभिगम] पण्हा० १।२२ २११६३. भ० ३।११४. नाया० ११११४०. उवा० पावार [प्रावार] आ० चू० ५।१४. नाया० १।१७।२२ ११६६. अंत० ३।२५. विवा० १।१।२५. —पास उ, पावित्ता [प्राप्य] सू० १।११।१. ' भ० २।६८. नाया० १।१।२०६. -पासंति, ठा० पाविय [प्राप्य] नाया० १७।४४।१२ . १०४. भ० ३।४६. नाया० १६१।३६. अंत०६।२२. पाविय [प्रापित] नाया० १।६।२५ विवा० १।६।५५.-पासंतु, ठा० ३।३६२. -पासंते, पाविय [प्राप्त] नाया० १।६।५४।७ अंत०६।२५. -पासति, आ० १६४. सू०२।११६. पावियंत [प्राप्यमाण] पण्हा०३।१२ -पाससि, भ० १५।६८, नाया० १।१।१८१. अंत० पाविया [पातिका] सू० १।२।२४; २।४।२ ३।१०४. —पासह, आ० ४।४८. आ० चू० ३।५४. पाविया [पापिका] आ० चू० १५॥४६. पण्हा० ६।१६ भ०१६।६१. विवा०१।१।३१.-पासहा, आ० ५।५७. पावेउं [प्रापयितुम् ] पहा० ६।१७ सू० १।२।२. –पासामि. ठा०३।२६२. भ०१७।३३. पावेज्जमाण [प्राप्यमाण] अंत० ६।२५ नाया० १११६।६५. उवा० ११७३. -पासामो, सू० पावस [प्रावेश, प्रावेश्य] भ० २।६७; ३।३३।६।१८६, १।३।२३. ठा० ३।३३६. भ० २।२. नाया०११६।६७. १११६३, १४०, १७८; १२।१५. नाया०१११११२४; -पासाहि, सू०१११०॥४. ---पासिंसु, ठा० १०१३. ११२७११।१६।१५८,२।१।२१. विवा० १।९।४० -पासिज्जा, भ० १४/११८. --पासिस्संति, ठा० पावोवग [पापोपग] सू० १६७ १०१५. -पासिस्सामि, ठा० ३।२६३. –पासिहिति, पास [पाव] आ० ११२६. आ० ० १५।२८।११,१३. भ०१५।१७६. —पासि हिसि, नाया०१।१६।२७४. सू० ११४३. ठा० २।२७६, २७७, ४३६; ३३५३३; -पासे, आ० ३।२६. –पासेज्जा, आ० चू० ४।१६. ४१३१६।१,३३६।१, ३४०।१, ३४०; ५९६, २३४; -पासेमि, विवा० ११११५० ६।७८, ८।३७; ६।५६. सम० ८।८; ६।४; १६।४; पासअ [पश्यक] सू०१।२।१६ २३।३, ४ ; २४।१; ३०।६; ३८।१; ७०।२; ६५।३; पासओ [पार्श्वतस् ] भ० ७।१५२; ६।२०४. नाया० १००।४:प्र० १४,३४, ६२, ६३, ६६, ७८, २२२, १११४१६५ २२४१७, २२७११, २२८॥१. भ० ५।२५५, २५८।१; पासंड [पाषण्ड] पण्हा० ७.१० ६।१२२, १६३, १९४; ११।६४; १२।१२३; पासंडत्थ [पाषण्डस्थ] भ० ३।३६, १०४; ६।३३. १३।११७; १४१३, १६।३४, ३५; २०१६७. नाया० नाया० ११८।१६६; १।१५।६ १।११५६,१३२,१३३, १३५; १।१४।३०; १११६॥५८, पासंडधम्म [पाषण्डधर्मन] ठा० १०११३५ ५६, ६५, ७८, ८३, ८४,८७, ६०, २१२, २१३, पासग [पश्यक] आ० २।७३, १८५; ३७२,८५, २२०, २२३, २।१।१६, २०, २३ से २५, २७ से ८७; २६,५०; २३०५, २।६।६; २।१०।६. अंत०५।१६. पासग[पाशक] नाया० १।१४।७४, ७७ पण्हा० ३।११, ४१५, ७, ८; ६।२० पासगाह [पाशग्राह] भ० ६।२०४ पास [पाश] आ० ३।२६. आ. चू० १५।२८।११. सू० पासणया [दर्शन] भ० ६।१६६, २१०; १३।११०. ४६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy