SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 491
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पंलिच्छाय आगेम शब्दकोश पल्लाउत्त पलिच्छाय [परि+छादय् ] —पलिच्छाएति, आ० चू० ११११६४. —पलेति, सू० १।२।४४ ।। १२१३१ पली [परि+इ] --पलेइ,सू० १।१३।६. —पलेहि,आ० पलिच्छिदिय[परिछिद्य] आ०चू०५।४६से४८;६।५४से ५६ ९३६ पलिछिदय [परिछिद्य] आ० ४।५० पलीण [प्रलीन] सू० ११७।१० पलिछिदिया [परिछिद्य] आ० ३।३५ पलीव [प्र+दीप्] —पलीवेज्जा, भ० ७।१५६ पलिछिण्ण[परिच्छिन्न ] सू० १।१६।६ पलीवक [प्रदीपक] पण्हा० १।२० पलिछिन्न [परिच्छिन्न] आ०४।४५ पलीवण [प्रदीपन] सम० प्र०६६ पलित [पलित] पण्हा०४१८ पलीवाहर [सं+कोचय] —पलीवाहरे, आ० ५।६६ पलित्त [प्रदीप्त ] भ० २।५२; ६।१५०, २१४; १८।४६. पलेमाण [पर्यायत् ] आ० ४।१०; ८।२ नाया० १।१।१४६, १६८; १।१४।७८. पण्हा० ११२३ पलोएमाण प्रलोकमान] भ० १५५१२० पलित्तक [प्रदीप्तक] पण्हा० ३।२० पलोक्क [प्र+लोक्] —पलोक्कइ, भ० ५।२५५ पलित्तय [प्रदीप्तक] नाया० ११८।२२६ पलोट्ट [प्र+लोटय] —पलोट्टइ, भ ० १।४४० पलिपाग [परिपाक ] सू० २।३।७६ से ८१ पलोभ [प्र+लोभय ] -पलोभेह, नाया० १।१६।७३ पलिभिदियाण परिभिद्य] सू० १।४।३३ पलोय [प्र+लोक्] —पलोयए, आ० चू० १६।१ पलिमंथग [परिमन्यक] सू० २।२।५८. ठा० ५।२०६. पलोयण [प्रलोकन] भ०२।१०८,११० ; ७।२१५.नाया० ___ भ० ६।१३०; २१।१५ ११४१४२. उवा०७१. अंत०३।२३ पलिमंथत्त [परिमन्थत्व] सू० २।७।३१ पलोयणा [प्रलोकना] भ०१५।११, १३, १५३. विवा० पलिमंथु [परिमन्थु] ठा० ६।१०२ १।११२८; १।२।१४, १५ पलिमद्द [परि+मर्दय] -पलिमद्देज्ज,आ० चू०१३।३ पल्ल [पल्य] ठा० २।४०५।१ से३.भ०६।१३४,१३४।२; पलिमोक्ख [परिमोक्ष] आ० ५।१८. सू० १।१२।१०; ११११२८१ २२७६ पल्ल [पल्ल] नाया० १।७।७, २०, २३, २५, ४० पलिय [दे०, कर्मन् ] आ० ४।२७; ५३१७; ६।४२,८६. पल्लंक [पर्यङ्क] भ० ११।१५६ सू० २।११५२, २।२।३६ पल्लंघण [प्रलङ्घन] ठा० ७।१३५, १३६.भ ०२५।५६५ पलिय [पल्य] भ० ४।५।१ पल्लंघेत्तए [प्रलचितुम् ] भ० ३।१८६ पलिय [पलित] भ०७।११६ पल्लग [पल्यक] ठा० ४१३४०; १०।३८, ४२ पलियंक [पर्य] आ० चू० १३।३६ से ७६; १४१३९से पल्लगसंठाण [पल्यकसंस्थान] सम० प्र०५८ ७६. सू० १।६।२१. सम० १८।३।१. भ० ३।२२१।१; पल्लट्ट [दे०, परिवर्त] पण्हा० ६।२ ५।२५५; ७।३; ६।१२२; १११६८; १३।६० पल्लल [पल्वल] आ०चू० १११५; १२।२. भ०५॥१८६. पलियंका [पर्यंका] ठा० ५।५० २३५. नाया० १११।१५८. पहा० १।२० पलियंत [पर्यन्त] सू० ११२।१०; १।३।१५ पल्लव [पल्लव] सम० ३४।१. नाया० १।१।६७, १५८. पलियंतकर [पर्यन्तकर] आ० ३।७२, ८५ पण्हा० ५।१, १०; १०।२ पलियाण [दे०, कर्मस्थान आ० हारा२ पल्लवग्ग [पल्लवान] सम० प्र०६२ पलियस्सओ [परिपार्श्वतस् ] भ० ६।८३ पल्लविय [पल्लवित] नाया० १।१।३३ पलिसप्प [परि+सृप्] —पलिसप्पति, भ० १६।१२ पल्लाउत्त [पल्यागुप्त ] ठा० ३।१२५; ५।२०६;७।६०. पलिह [परिघ] पण्हा० ५।१ । पली [प्र+ली] —पलेइ, सू० १।१३।६. –पलेंति, सू० १. सामयिकोऽयं धातुः । प्रतीपमाहरेत् । ४७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy