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________________ दुरहियास आगम शब्दकोश दुवालस दुरहियास [दुर् +अधि+आस्] -दरहियासए, आ० ४६; २।२।२, २३. नाया० १।१२।६, १७ ६।३२ दुरूवत्त [दूरूवत्व] नाया० १।१२।६, १७ दुरहियासय [दुरध्यासक] सू० १।३।१७; २।२।६० दुरूवभक्खि [दूरूवभक्षिन् ] सू० १।५।२० दुरासय [दुराश्रय] पण्हा० ३१७ दुरूवसंभव [दुरूवसंभव] सू० २।३।८३ दुरुक्क [दे०] आ० ० १३१११ दुरूवसंभवत्त [दुरूवसंभवत्व] सू० २।२।८३ दुरुत्तर [दुरुत्तर] सू० १।२।११; १।३१८; १।११।१. दुरूह [आ+रोहय् ] -- दुरूहावेइ, नाया० १११६१५१ पण्हा०६२ दुरूहावेत्ता [आरोह्य] नाया० १।१६।५१ दुरुद्धर [दुरुद्धर] सू० १।२।३३. पहा० २०१७ दुरू हित्तु [आरुह्य] सू० १॥५॥४२ दुरुय [दे०] भ० ६१७४. नाया० १।१।१०६,११८।१८०; दुरूहिया [आरुह्य सू० १।१।५८ १।१८।४८, ६१. अंत० ३७६ दुलभबोधिय [दुर्लभबोधिक ] ठा० २।१६०. दुरुव [दुरूप] ठा० ११६३; ८३१० दुल्लभ [दुर्लभ ] सू०१।१५।१७,१८.सम० प्र०६४. पण्हा० दुरवणीत [दुरुपनीत ] अ. ४।५०२ ३।२३ दुरुह [आ+रुह.] - दुरुहइ, नाया० ११११५३. उवा० दुल्लभबोधियता [दुर्लभबोधिकता] ठ।०५।१३३ ११४६. अंत० ११२३. अण० १८. विवा० १।३।४७. दुल्लह [दुर्लभ ] आ० ५।४६. नाया० १११११०६, १०७, -दुरुहंति, आ० चू० १५५२७. नाया० १।३।११. १४५, १५४; १।२।३१ ; १।५।२०, ३०; १।१६।४७, -दुरुहह, नाया. ११८७. --दुरुहामि, उवा० ४८; ११२७. अंत०३१६८, ६६५२५. पण्हा० ३१६ २।३।४.-दुरुहामो, नाया० १।१६।२५५. -- दुरुहेति, दुल्लहबोहिय [दुर्लभबोधिक] सू० २।२।३१, ६१ नाया० १८६५. -दुरुहेज्ज, आ० चू० ३।१४. दुव [द्वि] ठा० २।४४२. सम० २।२ -दुरुहेज्जा,आ०५० २०७३ दुवण्ग [दुर्वर्ण] सू० २।१।१३, २३, ३२, ३६; २।२।२; दुरुह [आ+रोहय] -दुरुहावेइ , अंत० ५।२५ ३३. ठा० ८।१० दरुहमारण [आरोहत्] आ० चू० १८८; २।७३,३।१६; दवय [द्रपद नाया० १।१६।१२१, १२३, १२९से १३४, ८२७ १४२,१४३, १४७ से १४६, १५१, १५३, १५५,१५७, दुरुहावेत्ता [आरोह्य ] अंत० ३।४७ १६७ से १६६, १७७, ३२५, ३२६ दहित्तए [आरोढुम् ] आ० चू० २।७३. नाया० दुवयण [द्विवचन] आ० चू० ४।३, ४. ठा० ३।४२६ १।१६।३२३ दुवार [द्वार] आ० चू० २।४१, ४२,४४. सू० २।२।७२; दुरुहित्ता [आरुह्य] आ० चू०१५॥२५. नाया० ११११५३. २।७।४. ठा० ३१३६७.नाया०१।१।२७; १।५।१४,४७; उवा० ११४६. अंत० ५।२. विवा० १।३।४७ ११।१६६, १७३; १।१६।६५, ६०; १११८।१८, ३६. दुरुहेत्ता [आरुह्य] आ० चू० २।७३. नाया. १८६५ उवा० ११५५, ५६. पण्हा० ६७. विवा० १॥१॥३६%) दुरुढ [आरूढ] ठा० ६।६२. नाया० ११११३३, ६५, ६६, १।३।६१, ६२; ११७७ से ११; १।६।२७ ६६,१४३ ; १।३।२०७१५१७,२२,२७,६१,११८।१४, वारबाह [द्वारबाह] आ० चू० ११५४ ; २।३० ५३,६३, ६७,२१५,२२७; १।६।३५, ३६; १।१४।७७; दुवारसाहा [द्वारशाखा] आ० चू० १।६२ १।१६।१४०।२।१।२१, २२ दुवारिया [द्वारिका] आ० चू० १।२६; २।१२, ४५; दुरूब [दरूव] सू० ११५।२०७२।१।१.३, ३३, ३२, ३६, ८१२; ६।१२ दुवालस [द्वादशन् ] सू० २।१।३५. ठा० ६।६२. सम० १. दुरूव इतिशब्दो देशीभाषाया विद्यते । एष दुरुयशब्दस्यैव १२।४. नाया० १।१।१६५. उवा० ८।७. अंत० ११८. परिवर्तितं रूपं दृश्यते। पण्हा०६।६ ३८४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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