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________________ अंगसुत्ताणि शब्दसूची झूसणा झा [ध्यै] -- झाइ, आ०६।१।५. – झाति, आ० ६।१।६. झिमिय [दे०,जाड्य] आ० ६।८.आ० चू० ४।१६ -झायंति, नाया० १११६॥३२२. झिया [ध्मा,ध्यै]-झियाइ, भ० ८।२५६. सू०१।६।१६. झाइ [ध्यायिन् ] आ० ६।४।३ ठा०८।१०. भ० २।१०७. नाया० ११११३४. उवा० झाण [ध्यान] आ० ६।४।१४. सू० १।६।१६; १।८।२७; ११७०. अंत०५।१७.विवा०१।२।१३. -झियाएज्जा, १।११।२६, २७, २।२।१०.ठा०४१६० से ७२, ६।६६. भ० ५।१५७.—झियाति, सू० २।२।१०. –झियामि, सम० ४।२; ६१४; प्र०६६, ६७. भ० २।१०७; नाया० १११।४५. अंत० ३।४६. विवा० १।२।२६. ६।२०८; १५॥१००; १८।२०७; २५५८०, ६०० -झियायइ, नाया० ११११४६.अंत० ३।४३.-झियासे ६१२. नाया० १११११४३, १।१४।४१, १।१६।१३, यंति, सू० १।११।२६. ठा० ८।१०. नाया० १।९।१५. ३२२; १।१६।४३. उवा० ११७०. अंत० ३।२२, ३०, अंत० ३।२२.-झियायसि,नाया०११११३५. –झिया६।५४. पण्हा० ६१६, २०,८।११ ।१,२, ७,१०११, यह, भ० ३।१२८. नाया० ११११४८. अंत० ३४५. २, ११. विवा० १।२।१३ -झियायामि, नाया०१।१६।६५. —झियासि, अंत. झाणंतरिया [ध्यानान्तरिका] भ० ५।८५, १८६; ३।४६. विवा० ११२।२५. --झियाह, अंत० ५।१८. १५१० -झियाहि, नाया० ११११४६. विवा० ११२।२७ झाणकोट्र [ध्यानकोष्ठ] आ० चू० १५॥३८. भ० १६, झियायमाण [धमत्,ध्यायत्] सू०२।२।३१. भ०२।५२; २८५: ५१८५८।२७२; १८१६४. नाया० १११।६. ३।१२८, ८।२५६, २५७, ९।१५०, २१४. नाया० विवा०१।१।३ १।११३५, ४०, ४८, १४६, १५६; १११४१३८%; झाणकोट्टोवगय [ध्यानकोष्ठोपगत ] उवा० ११४ १।१६।६४, ८६, २०८; १।१६।३२, ३३. विवा० झाणसंवरजोग [ध्यानसंवरयोग]सम० ३२।१।४ १।२।२५,१।३।२५; १।६।१७ झाम [ध्याम] भ० ५।५३; ७।११६. पन्हा० २।१६ झियायित्ता[ध्यात्वा] भ० ३।११४. अंत० ३।३० झाम[ध्मा] - झामेइ, सू० २।२।२१. नाया०१।१।१८३. झिल्लिरी[दे०] विवा० १।८।१६ -झामेति, भ० १५५१२७ । झीण [क्षीण] सू० १।३।७४. भ० १४।१०८, १०६; झाम[ध्मापय् ]-झामावेइ, सू०२।२।२१. १५।८६, ८७. नाया० १।१।१५६ झामंत [धमत् ] सू०२।२।२३, २८ । झुझिय [दे०] पण्हा० ३।६ झामथंडिल [झाम स्थण्डिल] आ० चू० १।३, ५१, १३५; ५।३६; ६।४२; १०।२८ झुसिर [शुषिर] आ० चू० १५।२८।१७. ठा० ४१६३२. झामिय [ध्मात] सू० २।१।१५. भ० ५॥५१; भ० ५।६४, २०।१६. नाया० १।२।६; ११८७२. १५॥११६ उवा० २।२१. पण्हा० २।१६ झामेंत [धमत ] सू०२।२।२१, २६ झु सिरगोल [शुसिरगोल]भ० १११६६ झामेत्ता [ध्मात्वा] भ० १५॥१२७. नाया० १।१।१८३ झस [जुष्] - झूसेइ, नाया० २।१।३६. अंत० ५।३२. झाय [ध्यायत् ] आ० चू० १६॥५ -झूसेहिति,भ० ११।१८२. झायमाण [ध्यायत् ] नाया०१।६।१० झूसणा [जोषणा] सू० २७।२१, २६. ठा० ३।४६६, झायव्व [ध्यातव्य] पण्हा०६।१८ ४६७; ४।३६२. भ० २।६६, ६८, ३।३६,३८, १०४; झिझिरि पलंब [दे०] आ० चू० १।१०८ ७।१३५. नाया०।१।१।२०४, २०६; ११०८३, १०४, १२७; १११६।३२३. उवा० ११४४, ६५, ७२,७६) १. झाम (दे०) दग्ध । २१५४; ३३५१; ४१५१; ५।५१; ६३३६७८७; २. झिझिरि (दे०) लता विशेष । ८।३६,४६,४६; ६।२४; १०।२४. अंत०८।१४से १६ ३२१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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