SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 325
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जारिसिया आगम शब्दकोश जिण १५॥५३. नाया०१।८।५८, १५३, १५४; १।१६।१६६, जावं [यावत् ] भ० २१३५ २००, २३०. पण्हा० ११११३ जावंत [यावत् ] भ० १।२।१ जारिसिया [यादृशी] नाया० १।८।८६, १११, १५४ जावंताव [यावत्तावत् ] ठा० १०।१००।१ जारु [जारु] भ० २३।१ जावज्जीव [यावज्जीव ] आ० ८।८।२२. आ० चू० जारकण्ह [जरत्कृष्ण] ठा० ७।३७ ११४३, ५०,५७, ६४,७१. सू०२।२।५८, ६३,७१; जाल ०प्र०१४६.भ०९।१४१, १७२, १६१. २।७।२२, २३, २४. ठा०३१८७. भ०२।६८,३।३३, नाया०१।१।१८, २४,८६; १८।४२, १३१२।३. उवा० १०२; ७।२०३; १११५६, ६३; १४।१०६. नाया. ११४७; ७।३३. पण्हा० ११२०, ३०, ४।१,७, १५. १।१।२०६; १।१३।३६,४२, १।१६।२१, १३१; विवा० १११॥३६१।८।१६ १११६।४६. उवा० ११२४ से २६.अंत० ३।२०, २१, जाल [ज्वाला] ठा० ५।१८१. नाया० १।१।१५६; ३०; ६।४१, ५३. अणु० ३।२२,२३. पण्हा०२।१७; १।१६।५२. पण्हा० १०२३, ३० ३।१७; ५१५, ६।३ जालंतर जालान्तर] नाया०१।११८९ ११८।१२०,१७५ ग [यावज्जीविक] पण्हा० ११३० जालंधर जालन्धरायण] आ० चू०१५॥३, ६ जावता [यावत् ] भ० २१६६. नाया० १११।२०४ जालग [जालक] पण्हा० १०।१४ जावताव [यावत्तावत् ] भ० ३।३३ जालगंठिया [जालग्रन्थिका] भ० ५।५७, ५८ जावतिय [यावत् ] ठा० ७।१२४. भ० ३।११६; ६।४, जालघरय [जालगृहक] नाया०१।३।१६ ; १।८।४०,१७६ १३४, १६०, १७१ ; १६।१।१ जालय [जालक] पण्हा० ११८ जावती [दे०] भ० ८।२१७।१; २२।१ जाला [ज्वाला] सू० १।१५।८. ठा० ८।१०. सम०प्र० जावय [यापक] ठा० ४१५०४ २३५।१. भ० ३।११३; १४।१०१, १०३, १०५, जावय [जापक] सम० १।२ १५॥१८६. नाया० १।१।१६०, १६८; १।१६।१४० जासुमण [जपासुमनस् ] नाया० १११।२४, ३३, १६५. जालि [जालि] अंत० ४।२; ५।११, १२. अणु० १ व० अंत० ३।५३ १ अ० ११४, ६, ८ से १०, १२, २।४ जासुमणा [जपासुमनस्] भ० १४।१३२ जालिका [जालिका] पण्हा० ३१५ जाहग [जाहक ] भ० १५५१८६. पण्हा० १। जालिकुमार [जालिकुमार] अंत० ४।५. अणु० ११७ जाहा [जाहक ] सू० २।३।८० जाव यावत आ०२१२५. आ० च० १११३३. स० जाहे [यदा] भ० ११११२८. नाया० ११११११२. उवा० ११३।१. ठा० १११६६. सम०प्र० १६६. भ० १७. २।२८. अंत० ३।७२. अणु ० ३११८ नाया०१।१।८,१०, १६,२०, ८६, ६१. उवा०११६५; जाह णवी [जाह्नवी] ठा० ६।२२।११ २।५४; ३।५१; ४।५१ ; ५।५१; ६।३६; ७।८७; जिइंदिय [जितेन्द्रिय] सू०१।८।२२; १।६।३३; २।६।५. ८।३६, ३७; ६।२४; १०।२४. अंत०१।३. अणु०१।१. भ० २।५५, ६५; ८।२७२. नाया० १११।४, १६४; पण्हा०४।१०.विवा०।३।१४ १३१४१७६. उवा०१३. पण्हा०६।१०,११ जाव [यापय] –जावइत्थ, आ०६।४।४. –जावए, जिघ [घ्रा] -जिघंति, ठा० १०॥४. - जिघिस, ठा० आ० ३।५६.सू० १।१७७ १०१३. -जिधिस्संति,ठा० १०१५ जावइय [यावत् ] आ० चू०१।१२७, १३०, १३५. भ० जिण [जिन] आ० ५।६५. आ० चू० १६१५५; २१६७; ११२५६, २५७,२६८,३५२,३।१८८,१८६८।४७६; ५।२१६।२०, ७३५६,८।२१:१५॥३६; १६।६.सू० १४।८८; १५२६८, १२१, १६:५१,५२, १८१६५ १२।७३,११६७१९१,६१।१४।१३,२।५।३३.ठा० १६।३३ ३।५१२, ५३४; ४११४२, १४३, ६४७; ५।३२, ३३, ३१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy