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________________ चित्त अंगसुत्ताणि शब्दसूची चिर १४८; १२।३४; १४।७४; १५।२५, ३२, ३६, ४८, चित्तमंत [चित्तवत् ] आ० ५।३१; ६।१।१३. आ० चू० १३८, १५३; १६।६१, १८।१३६. नाया० १।१।१६ ११५१, ८२, ८३, १०२, ५॥३५; ६।३८; ७।१०; से २१, २३, २६, २७, २९, ३०, ३२, ५०, ५१, ६२, १०।१४; १५।५७, ७१. सू० ११११२. सम० २१११ ७७, १२४,१२६,२०६ ; १।२।१४,१८, ६६ ; १।५।१३, चित्तमंतय [चित्तवत्क] आ० १।११३ १५,१६,४५; १।११।१०।८।१।१६।१३५; २।१।११, चित्तरस [चित्ररस] ठा० ७।६५।१; १०।१४२११.सम० २०, २१, २४, २५. उवा०१।२३, ४६,४८, ५१,७४, १०८ ७६; २११३, ४०, ४८; ३।१३; ४।१३; ५।१३; चित्तल [चित्रल] भ० ७।११६ ६।१३; ७।३०, ३४, ३७; ८।१४, ४८; ६।१३; चित्तवीणा [चित्रवीणा] नाया० १।१७।२२ १०।१३. अंत०३।२५, ४२; ५।२१.पण्हा०४।३.विवा० चित्तसंभूय [चित्रसम्भूत] सम० ३६।१ ।। १।१।२६; १।२।६२; १।४।२६; १।६।५, ३२ से ३५ चित्तसभा [चित्रसभा] नाया० १।८।११६ से ११८, चित्त [चैत्र] ठा० ४।६४१।१ १२१, १२३, १२६, १२८, १३३ ; १।१३।२०. पण्हा० चित्त[चित्र]-चित्तेइ, नाया०१८।१२१. -चित्तेह, १।१४ नाया० ११८।११७ चित्तसमाहिट्ठाण [चित्तसमाधिस्थान] ठा० १०।११५. चित्तउत्त [चित्रगुप्त] सम० प्र० २५११३ सम०१०१२ चित्तंग [ चित्राङ्ग] ठा० ७।६५।१; १०।१४२।१. सम० चित्ता[चित्रा] ठा० १।२५२; २।३२३; ४।१२७,१७६; १०१८ ५८४, ६५, ७।१४८; ८।११६% ६।६३।१; चित्तरगंडिया [चित्रान्तरकण्डिका] सम० प्र०१२६ १०.१७०।१. सम० १।२७; ८।६; १०७.भ०१०।६५ चित्तकट्टर' [चित्रकट्टर] अणु० ३।४० चित्तारय [चित्रकारक] नाया० १।८।१२८ चित्तकणगा [चित्रकनका] ठा० ४११२७ चित्तियतल [चित्रिततल] नाया० १।१।१८ चित्तकम्म [चित्रकर्मन् ] आ० चू० १२।१. नाया। चित्ते [चित्रयितुम् ] नाया० १।८।११८ १।१।१८; १।१७।२२. पण्हा० १०।१५।। चित्तेत्ता [चित्रयित्वा] नाया० १।८।११७ चित्तकूड [चित्रकूट] ठा० २।३३६ ; ४।३१० ; ५।१५०; चिमिढ [चिपिट] नाया० १।८।७२ ८६७; १०।१४५ चिय [एव] सम०३३।१. नाया० १।६।५४।३ चित्तगर [चित्रकर नाया० १।८।११७ से १२२, १२८ चिय [चित] आ० ० ४।२६. भ०१।१७.१८॥१.२४११. से १३५ ... १२८, १२८।१; १६।४२, ११६ चित्तगरय [चित्रकरक] नाया०१।८।१२७ चियका [चितका] पण्हा० ३।६ चित्तगुत्ता [चित्रगुप्ता] ठा० ४।१४६ ; ८।६६।२. भ० चियत्त [दे०] भ०२।२६४; २५१५६६.नाया० १।५।४७ १०७० चियत्त [त्यक्त] सू०२।२।७२; २।७।४.उवा० १।५५,५६ चित्तचिल्लड [दे०] आ० चू० ३१५६ चियत्तोवहिसाइज्जणया [चियत्त (सम्मत)उपधिचित्तचिल्लडय [दे०] आ० चू० ११५२ स्वादन] ठा० ३।३८२ चित्तपक्ख [चित्रपक्ष ]ठा० ४।१२२. भ० ३।२७४ चियया [चितका] अंत० ३।८९, १०१ चित्त(पव्वय) [चित्रपर्वत] भ० १४।१२० . चिया [चिता] सू० १।५।३६ चित्तफलग [चित्रफलक] भ० १५१६, १६, २३, ५१. चियाय [त्याग] ठा० ४।३५२ ; ५॥३५; १०।१६. सम० नाया० १।८।१३१, १३५ १०११; प्र० ६६. नाया० १।८।१८।२; १।१०।३,५ चिर [चिरम् ] भ० ३।२६८ १. कट्टर (दे०)। चिर [चिर] नाया० १।१।१६१; १।२।११; ११४७; २८७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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