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________________ गेज्ज गुत्तबंभचारिणी अंगसुत्ताणि शब्दसूची गुत्तबंभचारिणी[गुप्तब्रह्मचारिणी]नाया०१।१४।४०, गुरुदेवय [गुरुदैवत ] नाया० १।१८।५३ ४४; १११६६८, १०७ गुरुनिग्गह [गुरुनिग्रह] उवा० १।४५ गुतबंभयारि [गुप्तब्रह्मचारिन् ] सू० २।२।१६, ६४. गुरुय [गुरुक ] आ०चू० ४।३७. सू० २।२।१३. भ०१।२।१. भ० २।५५; ३३१४८; १२।१६६; १८१५२. नाया० नाया० ११६।।१।। १।१।१९४; १।५।३५;१।१४।४०.अंत० ३।८५,५।३०; गुरुयत्त [गुरुकत्व] भ० ५॥१३५; ७।१२; ६।१२६,१३० ६।८०. अणु० ३।२१, ६८. पण्हा० १०।११. विवा० गुरुवच्छ लया [गुरुवत्सलता] नाया० १।८।१८।१ १११७०, २१११३४ गुरुसंभारियत्ता[गुरुसम्भाकित्व] भ०५।१३५,७११२; गुत्तबंभयारिणी [गुप्तब्रह्मचारिणी] नाया० ६।१२६,१३० १।१६।१०५, २।११३२ गुल [गुड] आ० चू० ११४६. ठा० ६।२३. भ० ८।३५२; गुत्तागार [गोत्रागार] ठा० ५।२१, २२ १८।१११.नाया०११८१६६; १।१७।२२. पण्हा० ६।११; गुत्ति [गुप्ति ] आ० ८।१०, २७. आ० चू० १५॥३६. सू० १०।१७ १।१४।५. ठा० ३।२१, २२. सम० ३।२; प्र० ८६,६६. गुलगुलाइय [ गुलगुलायित] भ० ३।११२. पण्हा०३।५ नाया०१।१।४;१।१०।३ ५.पण्हा०६।३; ६।१,३,१०१ गुलिया [गुलिका] सू० ११४१३८. नाया० १११।३३; गुत्तिदिय [गुप्तेद्रिय] सू० २।२।१६, ६४. ठा० ४।१८७. ११५१०; १।६।१६, ३७;१।१३।३०; १११४१४३,७३, भ० २१५५; ३।१४८; १२।२१; २५।५७८. नाया० ७७; १।१६।६७; १११८।४६. उवा० २।२२, २४,२६, १।१।१९४; १।४।२२; ११५१३५; १।१४।४०. अणु० ४५; ३।२१, ४४ ; ४१२१, ४४; ५२१, ४४; ७१५७, ३१२१. पण्हा० १०।११. विवा० ११११७० ८०. अंत० ३।१६, ३०.अणु० ३।४६. विवा०११११५५ गुत्तिप्पहाण [गुप्तिप्रधान] उवा० ११३ गुलुइय [दे०] भ० ११५० गुत्तिसेण [ गुप्तिसेन] सम०प्र० २४८।३ गुलुगुलेंत [गुलुगुलन्त ] उवा० २।२८ गुप्प [गुस्'] ---गुप्पेज्जा, ठा० ३।४६५ गुवित [गुप्त ] ठा० ३।४६५ गप्पमाण [गुप्यत् ] पण्हा० ३।७,२३; गुविल [गुपिल] पण्हा०३।२३ गुप्फ [गुल्फ] आ० १।२६ गुव्व [गु] -गुवंति, भ० १५९६ गुम्म [गुल्म] आ०चू० ३।४२.सू० २।२।३१. भ० ७।११७; गुग्विणी [गुर्विणी] भ० १५११४, १६, १८६ २२।१।१. नाया० १११।३३, ६७; १।२।४, ६; ११५३ गुहर [कुहर] पण्हा० ४।५ गुरु [गुरु] आ०५।२. सू०१।२।५४. ठा० ३।४८८,७।६६, गुहा [गुहा] सू० ११।१२. ठा० २।२७६, २८०. भ. ७०; ६।६२; १०।१४०, १४१.भ० ७।११६, ८।२६५, ५॥१८६, २३५. पण्हा० ११२७ ११।१३५; १७।४८.नाया०१।६।५।१, ११७।४४।१,३; गढ़ [गूढ ] पण्हा० ४१७ ११।१२६, १२८; १।१०।६।४; १।१२।४६।१; पण्हा० ३।३ ११८६३, ४. उवा०३।३६, ४१, ४२, ४४.पण्हा० गढदंतगढदन्त] ठा० ४।३२७,६।६७. सम०प्र०२५४११. २।६, १७; ३।२३ ; ६।२०; ८।१३; १०।१८ ___ अणु० २।२ गुरुई [गुर्वी ] नाया० १।६।१० गढदंतदीव [गूढदन्तद्वीप] ठा० ४।३२७ गुरुगति [गुरुगति] ठा० ८।५५ गढायार [गूढाचार] सू० २।२।१३ गुरुजण [गुरुजन] नाया० १११।२१; १।६।१० गूढायारि [गूढाचारिन् ] सम० ३०।११७ गुरुजणय [गुरुजनक] नाया० १।१८।५२ गढावत्त [गूढावर्त] ठा० ४।६५३ गहणया [गृहन] सम० ५२।१. भ० १२।१०५ १. गुपुच् व्याकुलत्वे (कालुकोमुदी-दिवादिः) । गेज्ज [गेय] पण्हा० ६।१० २६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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