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________________ गवेसणया आगम शब्दकोश गाउय २२०, २८२, २८३, २८८; १११८१५१ गहणलक्खण [ग्रहणलक्षण] भ० १३।६० गवेसणया [गवेषणा] भ० १२।१२८; १५।८५ गहण विदुग्ग [ गहनविदुर्ग] आ० चू० ३।४८. सू ०२।२।४, गवेसमाण [गवेषयत् ] नाया० १।२।११, २८; १।४।६ ६. भ० १।३६४ से ८. पण्हा० ३।६, १०; ४।१० गहणागरिस [ग्रहणाकर्ष] भ० ८।३०६; २४१२२८ गवेसित्तु [गवेषयितु] ठा० ४।२५४, २५५ गहणिय [ग्रहणीय] भ० २५१५२६, ५३१ गवेसियव्व [गवेषितव्य] पण्हा०६७ से १३,२० गहणी [ग्रहणी] पहा० ४।७ गव्व [ग] सम० ५२।१. भ० १२।१०४ गहणीय [ग्रहणीय] भ० २५४१६, ४२० गग्विय [गर्वित] नाया० १।१७।३६॥३, १२. पाहा० गहदंड [ग्रहदण्ड] भ० ३।२५३ ३१५ गहमुसल [ग्रहमुशल] भ० ३।२५३ गसिय [ग्रसित] नाया० १।४।२३।२ गहसम [ग्रहसम] ठा० ७।४८।१३ गह [ग्रह] सू० १।३।२८; २।२।६०. ठा०५।५२. सम० प्र० गहसिंघाडग [ ग्रहसिङ्घाटक] भ० ३।२५३ १४१, १४३, १५०. भ० ३।२५२; १८।१५७. नाया० गहाय | ग्रहीत्वा] आ०६।३।५. आ० चू० १११३५. सू० १।१।२४, ३३,२११; १।८।२८, ३४. अणु०१८, ११, १।२।४५; ठा०५।१०२. भ ०२१५२. नाया०१।१।१२२. ३१५६. पण्हा० श२३, २।१३, ५३; ६२ उवा० २।२२. अंत० ३३६५. विवा० ११२।५० गह [गह ] -गहेज्जा , सू० १।१०।२ गहावसव्व [ग्रहापसव्य] भ० ३।२५३ गहगज्जिय [ग्रहगजित] भ० ३।२५३ गहित [गृहीत] पण्हा० ३।१० गहगण [ग्रहगण] भ० ३।२४६; ६।८३, १००, १४३, गहिय [गृहीत] सू० २।२।७२; २।७।४. भ०२।६४,१३४; १४६; ८।३४०, ३४२; ११।१६६; १२११२८; ३।४५; ६।१५६, १६६ से २०३; ११।१४२, १६५, १४।१३६, १७१६५ १७६; १२९७; १३।१३३, १३५; १४।१०८,१०६, गहचरिय [ग्रहचरित] सम० ७२।७ ११२; १५१,८६, ८७. नाया० १।१।२६, ८२, ६७, गहजुद्ध [ग्रहयुद्ध] भ० ३।२५३ . १३८ से १४०, ११२।३२, २०४७; १८।६७; गहण [ग्रहण] आ० चू० ३।४२, ४८, ५६, ६०; ५।४८, १।१६।१३४, २३६, २४८, २५१, १।१८।३५, ४०%; ४६; ६।५६, ५७; ११।६; १२॥३. सू० २।७१०, ११६।४८/२. अंत० ३।९७, १०४. अणु० ३।१२. १३. भ० १२२६; २१४६, १३४; १३१६०. नाया० पण्हा० २।३; ३१५, १३, १६, २३; ४.१०. विवा० ११।१५६, १७१, ११८।१८।३, १८०, १८६; ११।१४, २८,४०, ११३।२४, ४३, ४७, ५० १।१६।११३.अंत०३६७, १०४. पण्हा०२।३; ८११३; गहियट्ट [गृहीतार्थ] उवा० ११५५, ५६, ७।३ विवा०११३।४७, ५० गहीअ [गृहीत] आ० ४११६ गहण [गहन] सू० १।३।४०; १।१२।१४; २१२।४, ६. गहेउं [गृहीत्वा] सू० ११५॥४६ सम० ५२।१; प्र०८६, ६५. भ०१।३६४; १२।१०५. गहेउण [गृहीत्वा] नाया० १११६।१६३ नाया० १।१८।३५. पण्हा० ११३५; २१२, १३ गा [ग] -गायति, ठा० ७।४८।११. --गाहि, ठा० गहणगुण [ग्रहणगुण] ठा० ५।१७४. भ० २।१२६ ७।४८।५. -गाहिइ, ठा० ७।४८४. --गिज्जते, ठा० गहणत्तण [गहनत्व] नाया० ११३॥३५॥३ ७।४८।१०. –गिज्जते, ठा०७।४८१७ गहणया [ग्रहण] भ० २।३०, ६७; ६।१३६; १११८५, गाअ [गो] आ० चू० ४।२७, २८ १७८, १६५. उवा०१।२०; २।१० ; ३।१०; ४।१०; गाउ [गव्यूति] ठा० ४।३०६; ५।१५६ ५।१०, ६।१०; ८।११; ६।१०; १०।१०. अंत० गाउय [गव्यूत,गव्यूति] ठा० २।३०६, ३२६, ३२८, ६।३४ ३४५, ३४६, ३५१, ३५२; ३।११३, ११५; ४।३४४; २५८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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