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________________ कल्लाणकार अंगसृत्ताणि शब्दसूची कस ६।१०; १०।१०. अंत० ३।७०, ७१ ; ६।३५; ८।१३. १११११; १२८ अणु० ३।३०. पण्हा० २।५; ६॥३. विवा० १।१।२१ कविकच्छु [कपिकच्छु] नाया० १।१६।५२. पण्हा० कल्लाणकार[कल्याणकार] नाया० १।१६।१७०, १८१ १०।१८ कल्लाणग [कल्याणक] सू० २।२१६६, ७३. ठा० ८।१०. कविचिया' [कैतविका] भ० ११।१५६ ___नाया० १।१२४; १।१६।१४०. उवा० २।४० कविट्ठ [कपित्थ] भ० ८।२२०।१; १८।१०६; २२।३. कल्लाणफलविवाग[कल्याणफल विधाक] सम० ५५।४ विवा० १।८।१२ कल्लोल [कल्लोल] पण्हा० ३।७, २३ । कविठ्ठपाणग [कपित्यपानक] आ० चू० १।१०४ कल्हार [कल्हार] सू० २।३।४३, ४५ कविट्ठसरडुय [कपित्थशलाटुक] आ० चू १।११० कल्हारजोणिय [कल्हारयोनिक] सू० २।३७५ कविण [कृपण] पण्हा० ११३७; ३।२४ कल्हारत्त [कल्हारत्व] सू० २।३।४३ कविल [कपिल] भ० ७।११६. नाया० १।१६।२६६ कवइय [कवचित] विवा० ११३।२४, २८ से २७६,२७८ से २८०, १११७।१४।१. उवा ०२।२१. कवड [कपट] सू० २।२।५८; २।७।२२. भ० ७।११६. पहा० १६ नाया० ११२।१११।६।१०; १।१८।१६. पण्हा०२।२, कविसीसग [कपिशीर्षक] नाया० ११५२ ३; ३।१४ कविसीसय [कपिशीर्षक] अंत० १। कवय [कवच] भ०७।१७६.१७७.१८५.१८६. १६६. कवेल्लक [दे०] भ० ३१४८; ७११८ नाया० ११११८६; ११२।३२; १।१६।१३४, १४६, कवेल्लु आवाय [कवेल्लुकापाक] ठा० ८।१० १७१, २३६, २४८, २५१, २५५; १।१८।३५, ४०, कवोत [कपोत] सू० २।१।१५. पहा० ४१७ ४५, ४६. पण्हा० ३१५, ४।५. विवा० ११२।१४, २८, कवोतग[कपोतक] पण्हा० १९ ४०; १।३।१३, ४३, ४७ कवोय [कपोत] सू० २।२।५८. भ० १५।१५२, १५५. कवल[कवल] भ० ७।२४; ६।१७७; २५।५६७. नाया० उवा० ७.५०. विवा० ११७।१६ ११११११२, ११३. अंत० ३७२,७३. विवा०११७७; कवीयकरण [कपोतकरण] आ० चू० १०.१८ श८८, २५ कवोयग [कपोतक] सू० २।२।६, २०. पण्हा० २।१२ कवलग्गाह [कवलग्राह] विवा० १।८।२३ कवोयजुद्ध [कपोतयुद्ध] आ० चू० ११११२; १२।६ कवल्ल [दे०] सू० ११५।१५. भ०६।१७।१ . कवोयट्ठाणकरण [कपोतस्थानकरण] आ० चू० कवल्ली [दे०] विवा० १।३।२१; १।४।१६ ११११; १२।८ कवाड [कपाट] ठा० ८।११४; ६।२२।१२. सम० ८७. कवोल [कपोल] पण्हा०४१७, ८ प्र० १४४. नाया० १११८॥३६. उवा० २।२१. अंत० कव्व [काव्य] ठा० ४।६४४; ६।२२।१० ६।२२, २४. पण्हा० ३।१२; १ कव्व चू०१।२८,३४, १२२, २।१३।२, कवाल | कपाल | आ०६।३।१०. आ० चू० ११३५. स. ४५, ५७,५८,७।२८।१. स० २।२।७. पण्डा० ८।२ २।१।५६; २।२।१२, ४०, ५८; २।४।२१. नाया० कव्वडमारी[कर्बटमारी] भ० ३।२५८ १।४।१७ कस [कश] सू० २।२।१२, ५८. नाया० १।२।३३, ४५, कवि [कपि] सू० २।२।६ ६७; १।१७।३३. पण्हा० ११३०, ३।१३; १०।१८ कविजल [कपिजल] सू० २।२।६. २०, ५८. उवा० कस [कृश्] —कसए, सू० १।२।१४. ---कसेहि, आ० __७.५०. पण्हा० २।१२ ४।३२. कसह, पण्हा० २।१३ कविजलजुद्ध[कपिजलयुद्ध] आ० चू० ११।१२; १२।६ कविजलढाणकरण [कपिंजलस्थानकरण] आ० चू० १. 'कविचियाओ' त्ति कलाचिकाः (वृ०) । २१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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