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________________ असुरी आगम शब्दकोश अस्साएमाण स११८, १२१; ३।४ से १०, १२, ७८, ६७ से ६६, असोच्चा [अश्रुत्वा] भ० ६।१११, ६ से ३२, ५१, ५४, १०८ से ११६, ११६, १२१, १२६ से १३०, २४४, ७४, १२३, १२४ २७२, २८०; ७१८२, १८६, १६१; १०४६ से असोम [असौम्य] पण्हा० २।१३ ५१, ६५, ६७ से ७०, ७२, ७३; १२।१२८; १३६६ असोय [अशोक] ठा० ८।११७।२. भ०३।१०५ से ६८; १४११३६; १८।१५४. नाया० १।८।२०६; असोयणया [अशोचन] भ० ७११४; ८।४२२; २१४।१; २१११५ १२१५४ असुरी [असुरी] ठा० ४१५६०, ५६३, ५६४ असोयसंड [अशोकषण्डभ० ३।१०५ असुस्सूसणा [अशुश्रूषणा] नाया० १।१३।१३ असोया [अशोका] ठा० २।३४१; ८७५ असुह [अशुभ] सू० २।१।६० ; सम० प्र० ६६. भ० असोयावणया [अशोचापन] भ ० ३।१४८ श२२४. नाया० ११२।६७. पण्हा० ११३७ अस्स [अश्व] आ० चू० १५।२८. सू० १।३।३३. ठा० असुह [असुख ] सू० २।२।४४. नाया० १।१७।३७१४ २।३२४. नाया० १११।१२८. पहा० २।१३, ४।६; असुहतरिय [अशुभतरक] भ० १६।३५ १०।१६. विवा० ११२।१४ असुहत्त [अशुभत्व] सु० १।८।११ अस्संजत [असंयत] ठा० १०।१६०।२. भ० १७।१६, २१ असुहवीहाउयत्ता [अशुभदीर्घायुष्कत्व] भ० ५।१२६ अस्संजम [असंयम] भ० २५।४०३ से ४०७ असुहित [असुखित] पहा० २।१६ अस्संजय [असंयत] आ० चू० ११८२, ८३, ८५, ८८, असूरिय [असूर्य] सू० १।५।११ ८६, ६१, ६५,६६, १०४; २।१०, १२, १४, १६, असेयकरी [अश्रेयस्करी] सू० १।२।२३ २१; ३।१४; ६।११; ८११०, १२, १४; ६।१०, १२, असेलेसी [अशैलेशी] भ० ११३८१, ३८२; २५।१४३ १४. सू० ११७।९२।४।१६; २।७।१८. भ०१४४८ असेंस [अशेष] सू० १।६।१७; २।५।३० से ५०; ६।३७, ६३, ८।२४७, २७३ से २७६, २८०, असेहिय [असै द्धिक] सू० १११।२६ २८१, २८५, २८७, २८८; १८।२६. नाया० असोग [अशोका ठा० २।३२५. सम० ३४११. प्र० १।१६।१८६. पण्हा० २।३ २३१।२, ४. भ० ३।११२, ११४, ११५, १२६; अस्सकण्णी [अश्वकर्णी] भ० ७।६६; २३।२ ८।२१६।३; २२।२. नाया० १।५।१०, १७, २६; अस्सकरण [अश्वकरण ] आ० चू० १०।१८ १६।३०, २१७, २२५; १।६।२०१५; १।१४।८२; अस्सग्गीव [अश्वग्रीव ] सम० प्र० २४६।१ ०१६३२, ३३. अंत० ११३. विवा० २।४।१ अस्पचोर [अश्वचोर] पण्हा० ३।३ असोगलया [अशोकलता] आ० चू० १५।२८ अस्सजुद्ध [अश्वयुद्ध] आ० चू० ११।१२; १२६ असोगललिय [अशोकललित] सम० प्र० २४२।३ अस्सट्ठाणकरण [अश्वस्थानकरण ] आ० चू० ११।११; असोगवडेंसय [अशोकावतंसक] भ० ३।२४५; १२१८ १०६६; १५२१०१ अस्सत्थ [अश्वत्थ] ठा० १०८२।१ असोगवण [अशोकवन] आ० चू० १०।२७. ठा० अस्समण [अश्रमण] सू० २।६।८; २।७।१६ ४१३३६।१, ३४०।१. भ० ११५० अस्समिति [असमिति] भ० २०१५ असोगवणिया [अशोकवनिका] नाया० १।८।४०; अस्सलेसा [अश्लेषा] ठा० २।३२३ १।१४।७४; १।१६।२०६ से २०८; १।१६।३२ से ३४. अस्सवणया [अश्रवणता] सू० २।७।३४ उवा० ६.१८, २८; ७८, १७. विधा० १११०१४ अस्ससेण [अश्वसेन] सम०प्र० २३४।१ असोगसंड [अशोकषण्ड] भ० ३३११२ अस्साएमाण [आस्वादयत् ] भ० १२१४, ६; १२ से असोगा [अशोका] ठा० ४।१५३. भ० १०७६ १४,१८ १०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016053
Book TitleAgam Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1980
Total Pages840
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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