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________________ जैन आगम प्राणी कोश [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-फसल पीड़क कीट, चावल के दाने के बराबर होता है। वे अपने मन में सचित्र विश्व कोश] ऐसा विचार करते हैं, यदि हमारा शरीर इन मत्स्यों के समान होता तो मुंह से एक भी प्राणी न निकल पाता, तंतवग [तन्तवक] उत्त. 34/148 हम संपूर्ण को खा जाते। इस प्रकार के अशुभ Cockroach-तिलचट्टा। अध्यवसाय के द्वारा मृत्यु को प्राप्त कर वे नरक में जाते आकार - लगभग 4-5 हैं। शेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-तिमि। C.M. लम्बा कीट। (1) दिगम्बर परम्परा के अनुसार तंदुल नामक मत्स्य लक्षण - सामान्यतः कान में रहता है। शरीर का रंग भूरा लाल। सिर पर दो बड़ी पीछे की तणविंटिय [तृणवृन्तक] प्रज्ञा. 1/50 [पा.] ओर मुडी हुई सींग जैसी A kind of Trogoderma Gramarium evertsमूंछे। खपराकीट की एक जाति। देखें-पुष्पविंटिय विवरण-इनकी लगभग 3500 प्रजातियां पाई तणाहारा [तृणाहारा] प्रज्ञा. 1/50 उत्त. 36/137 जाती हैं, जिनमें Grop Pest-तृणाहारक, पत्राहारक । देखें-पत्ताहारक अधिकांशतः उष्ण तयाविस [त्वचाविष] प्रज्ञा. 1/70 कटिबंध स्थानों एवं कुछ ठंडे स्थानों में पाई जाती हैं। A kind of Cobra-त्वचाविष (चमड़ी में विष वाले) यह एक रात्रिचर कीट है। दिन डूबते ही अपने भोजन की खोज में निकलता है। खाने-पीने के मामले में बड़ा विचित्र होता है। एक महीने तक तो यह बिना खाए-पिए तरच्छ [तरक्ष] प्रश्नव्या. 1/6 आ.चू. 1/52 भग. 03/209 ज्ञाता 1/1/178 रह सकता है। सिर्फ पानी ही मिल जाए तो दो माह Hyena-लकड़बग्घा। तक बिना खाए रह सकता हैं. और अगर सखा खाना मिल जाए तो पांच महीने तक पानी की भी चिंता नहीं करता। सर्दी-गर्मी को सहन करने की इसमें अद्भुत क्षमता होती है। 48 घंटे फ्रीज में रख देने के बाद भी मरता नहीं है। इसके पैरों के जोड़ों पर काले छोटे-छोटे बाल इतने संवदेनशील होते हैं कि जरा-सी आहट सुनते ही सेकंड के 54 हजारवें हिस्से में वहां से खिसक जाता पतहा अपन भाजन देखें-नाग विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, आकार-कुत्ते से बड़ा। Incyclopedia in Colour] लक्षण-शरीर का रंग चितकबरा। अगली टांगें पिछली तंदुलमच्छ [तंदुलमत्स्य] प्रज्ञा. 1/56 टांगों से कुछ बड़ी। इसके पंजे और जबड़े इतने मजबूत A kind of Fish, Ricefish-तंदुलमच्छ, मत्स्य की होते हैं कि बड़े से बड़े बैल की हड्डियों को तोड़कर चवा एक जाति। डालता है। विवरण-तिमि, तिमिंगल आदि मत्स्यों के आंख के विवरण-यह भारत, अफ्रीका और एशिया के पश्चिम भौओं में तंदुल नामक मत्स्य रहते हैं, जिनका आकार भागों में पाया जाता है। ताकतवर और बड़ा जानवर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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