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________________ जैन आगम प्राणी कोश 51 रंग-बिरंगा जंतु। ढिंक [ढिंक] प्रश्नव्या. 1/9 लक्षण-दो भागों में विभक्त शरीर तथा बीच की टांगें Jungle Crow-जंगली कौवा, डाल कौवा,द्रोण काक, लम्बी एवं जुड़ी हुई, सिर पर एन्टीना के समान दो छोटे ढिंक कौआ, बड़ा काक। सींग। देखें-ढंक विवरण-विश्व भर में टिड्डियों की 15 जातियां तथा अनेक उपजातियां पाई जाती हैं। रेगिस्तानी टिड्डी, ढिंकुण [ढिंकुण] प्रज्ञा. 1/51 उत्त. 36/146 प्रवासी टिड्डी और बम्बई टिड्डी-ये तीनों भारत में पाई Flea-पिस्सू, ढिंकुण। मा जाती हैं। इनके विशाल दल बन जाते हैं जो अकल्पनीय आकार-जूं के समान। वृंदों में उड़ान भरते हैं और अपने जन्मस्थान से लक्षण-शरीर का रंग-काला-भूरा। छः टांगें मजबूत . सैकड़ों-हजारों मील तक उड़कर फसलों को चौपट कर पकड़ वाली। कुछ के पंख होते हैं कुछ के नहीं। डालते हैं। तमिल में इसे 'विट्टिल', तेलग में मिथा, विवरण-इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। यह सिंधी और पंजाबी में टिड, मलयालम में पुलपोंडु, उड़िया भेड़, कुत्ते आदि के खून से अपना जीवन निर्वाह करता में सिटिका, कन्नड़ में जिट्टी, मराठी में नाकतोड़ और है अर्थात यह परजीवी प्राणी है। बीमारियों के फैलाने हिंदी में फड़का कहते हैं। में इसका बहुत बड़ा योगदान रहता है, जैसे-प्लेग, मलेरिया आदि। ढेलियालग [ढेलियालग] प्रश्नव्या. 1/9 Femal Common Peafown-मयूरनी, मोरनी। देखें-बरहिण ढंक [ढंक] प्रज्ञा. 1/76, जम्बू. 2/40, 137 जीवा. 115 Jungle Crow-जंगली कौवा, डाल कौवा, द्रोण-काक, ढींकड़ा (राजस्थानी), बड़ा काक। आकार-घरेलू कौवे से बड़ा। लक्षण-शरीर का रंग गहरा चमकीला-काला। चोंच संडासी के समान मजबूत पकड़वाली। शरीर की लम्बाई लगभग इक्कीस इंच तक होती णउल [नकुल] सू. 2/3/80 प्रज्ञा0 1/76 Mongoose-नकुल आकार-चित्तिदार लिंगनेश (मांस) से पतला एवं छोटा। विवरण-भारत, पाकिस्तान, लंका आदि में इसकी लगभग 20 प्रजातियां पाई जाती हैं। नर-मादा में कोई विशेष अन्तर दिखाई नहीं देता। मानव बस्ती के आस-पास अकेले या जोड़ों में या अस्थाई टोलियां बनाकर रहना पसंद करते हैं। शेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-काक लक्षण-शरीर का रंग कत्थई-भूरा। सिर नुकीला। आंखों का रंग लाल एवं पूंछ अपेक्षाकृत लम्बी। विवरण-भारत में इसकी छः प्रजातियां पाई जाती हैं। बहुत फुर्तीला व तेज होने के कारण यह सांप को Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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