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________________ जैन आगम प्राणी कोश सूरती बकरी तथा बंगाल की गंजाम और तेलंगाना की बकरी उत्तम जाति की होती है। अयगर [ अजगर] प्रश्नव्या. 1/7, प्रज्ञा. 1/68 जम्बू. 2/41 Python-अजगर, पेरिया पम्बू, मालाई पम्बू (तमिल), मलामपम्बू (मलयालम), पेड़ा-पोड़ा (तेलुगू) । आकार - 20-40 फीट लम्बा एवं एक फीट तक मोटा । लक्षण - पीठ का रंग पीला होता है, जिस पर टेढ़े-मेढ़े चौकोर चकत्ते होते हैं। मुंह बहुत बड़ा और धड़ चपटा होता है । शरीर के बीच का भाग सबसे मोटा होता है। विवरण - विश्व में अजगर की मुख्य दो जातियां पाई जाती हैं- पाइथन और बोया । यह अपने शिकार को समूचा ही निगल जाता है। इसकी पकड़ इतनी सुदृढ़ होती है कि एक बार इसके पाश में फंसने के बाद शिकार की हड्डी पसलियां सुरक्षित नहीं रह पातीं। इस जाति के कुछ सर्प अच्छे तैराक होने के साथ-साथ पेड़ों पर चढ़ने में भी कुशल होते हैं। एनाकोण्डा नामक अजगर प्रायः जलाशयों के पास पेड़ों पर लटके रहते हैं और रात को पानी पीने के लिए आए जानवरों को अपना शिकार बना लेते हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, संकट ग्रस्त वन्य प्राणी, इंडियन रेपटाइल्स] अरक [अरक] अं वि पू. -39 Worm कृमि, लट । आकार - कुछ मिलीमीटर से 2 मीटर तक लम्बा । Jain Education International समय दुम्पेद ब सै लक्षण - बहुरंगी, चपटा, गोल, लम्बा, मुलायम तथा दो भागों में विभक्त शरीर । विवरण- पेड़-पौधों, सूखी गीली जमीन, मनुष्य एवं. जानवरों के शरीर में पाए जाने वाला यह बिना पैर वाला कीट है। कुछ के यदि पैर होते हैं तो भी नहीं के बराबर । [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य- Encyclopedia in Color, Nature] TFF अलक्कडअ [अलक्कडअ] उत्त. वृ.टी. पृ. 829 Rabid dog - पागल कुत्ता । आकार - सामान्य कुत्तों की भांति । लक्षण - पागल कुत्ते की पूंछ नीचे की ओर झुकी हुई और मुख से निरन्तर लार गिरती रहती है। चाल बेढंगी एवं अस्थिर होती है। विवरण- किसी भी जाति के कुत्ते पागल हो सकते हैं। ये बहुत खतरनाक एवं डरावने से लगते हैं । इनके समीप अन्य कुत्ते जाने का साहस नहीं करते। ये चलते -दौड़ते समय अर्थात किसी भी समय किसी को काट सकते हैं। [विवरण के लिए द्रष्टव्य- Nature ] For Private & Personal Use Only अलस [अलस] उत्त. 36/128 Asmall Poisonous Animal-अलस, छोटा जहरीला कीट । आकार - 1-2 मिलीमीटर से 5-6 फीट तक लम्बा । www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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