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________________ 86 जैन आगम प्राणी कोश विवरण-मीठे पानी के समद्रों में एवं स्थल पर पाए सतपत्त शतपत्रा प्रज्ञा. 1/48 राज. 23 जीवा. जाने वाले घोंघे अनेक प्रकार के होते हैं। घोंघे के खोल 3/259, 291 में एक ही खंड होता है। प्रायः शाकाहारी जीव है। घोंघे Golden backed wood pecker-कठफोड़वा, के विशेष प्रकार की जीभ होती है, जिस पर सैकड़ों सोनपीठा कांटेदार दांत होते हैं। दांत इतने मजबत होते हैं कि आकार-मैना से थोडे बडे आकार का लगभग 12 इंच अन्य सिप्पी आदि के खोल को भी चबा जाते हैं। लम्बा पक्षी। लक्षण-शरीर का रंग लाल-भूरा तथा बादामी होता सकुलिया [सकुलिया] अनु. 321 है। पंख तथा दुम में काली-तिरछी धारियां होती हैं। Black winged kite-शकुनि, कपासी, मसुनवा। गहरे लाल रंग का अनुकपाल शिखर तथा मुकुट होता देखें-जमग है। जबान लम्बी तथा नुकीली होती है। सोहमच्छ [श्लक्ष्यमत्स्य] प्रज्ञा. 1/56 विवरण-विश्व में इसकी 210 प्रजातियां पाई जाती AKind of Angler fish-एंगरफिश की एक जाति, हैं। यह पेड़ों के तनों तथा डालों पर सर्पिलाकार तरीके प्रकाश पैदा करने वाली मछली, गूंज मछली, सण्हमत्स्य से चढ़ सकता है तथा उलटा भी चढ़ सकता है। यह (तमिल), सांढयमत्स्य (मलयालम)। अपनी खुराक के लिए पेड़ के तने को अपनी चोंच से आकार-कुछ फीट से सवा मी. तक लम्बा। ठोकता रहता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार लाल लक्षण-मुंह काफी बड़ा एवं अनेक दांतों वाला। मुंह सिर वाला कठफोड़वा इतनी जोर से पेड़ की छाल पर के आगे राड्स लम्बे तंतुओं (Fillaments) की भांति चोंच मारता है कि टक्कर का वेग (Impact Velocity) होते हैं, जिनके सिरों पर प्रकाश पैदा करने वाले बल्ब 13 मील प्रति घंटा (20.9 KM/N) होता है। उड़ते वक्त लगे रहते हैं। एक तेज ध्वनि निकालता है जो कर्कश चहचहाट जैसी विवरण-समुद्र में लगभग एक किलोमी. की गहराई होती है। में इन मछलियों विमर्श-कैयदेवनिघंटु पृ. 461 में शतपत्र शब्द को मोर की अनेकजातियां तथा तोतें का पर्यायवाची माना है। पाई जाती हैं। ये [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave-118] मछलियां अपना शिकार पकड़ने के सतवाइया [शतपादिका] प्रज्ञा. 1/50 लिए फिशिंग Centiped-कानखजूरा देखें-गोम्हि राड्स और ल्यूर्स (Fishing Rods सत्तवच्छ [शतवत्स] प्रज्ञा. 1/79 and Lures) का Black Tailed Godwit-गुडेरा, जंगराल, खग, इस्तेमाल करती मालगुझा देखें-मेसरा हैं। समुद्र की गहराई में काफी सदावरी [शतावरी] उत्त. 36/138 अंधेरा होने के A Kind of Insect-कीट की एक जाति। कारण प्रकाश देखकर छोटी-छोटी मछलियां स्वयं ही देखें-हालाहल नजदीक आकर शिकार बन जाती हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-विश्व के विचित्र सप्पी [सी] सम. 30/18 जीव-जंतु, जानवरों की दुनिया, Man and animals] Femal Cobra-नागिन. देखें-नाग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016052
Book TitleJain Agam Prani kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVirendramuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages136
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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