SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 583
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ देशी शब्दकोश उप्पण (उत्+पू)-धान्य को सूप आदि से साफ करना (आचूला श८२)। उप्पाल (कथ)-कहना (प्रा ४।२) । उप्पुस-पोंछमा (से ११३३) । उप्पेल (उद्+ममय)--ऊंचा करना (प्रा ४।३६) । उप्फाल (उत्+पाटय)—१ उखाड़ना । २ उठाना (प्रा २।१७४) । उप्फाल (कष)-कहना। उफ्फिण-उफनना। उप्फुस-मिटा देना। उप्फुस (उत्+स्पृश)-खींचना । उप्फोस-त्रस्त करना (निचू २ पृ २०८) । उबुस (मृज्)-मांजना, परिमार्जन करना । उम्भालसूप से धान्य साफ करना । उब्भाव (रम)-क्रीड़ा करना, खेलना (प्रा ४११६८)। उब्भुत्त (उत् + क्षिप्)-ऊंचा फेंकना (प्रा ४११४४) । उमच्छ (वञ्च)-ठगना (प्रा ४।६३) । उमच्छ (अभ्या+गम्)-सामने आना। उम्मंथ-जलाना। उम्मत्थ (अभि-+आ+गम -सामने आना (प्रा ४११६५) । उयध—देखें (बृभा ४१५६) । उयह-देखें-'उयह-पश्यत मदीयानि वस्त्राणि इति' (वृमा ४१५६ टी)। उलंड-उल्लंघन करना, लांघना (दजिचू पृ ६१) । उलूव-बुझाना। उल्ल–१ उपसर्पण करना । २ चीरमा । ३ उलाहना देना । उल्लाल (उद्+नमय)--१ ऊंचा करना । २ ऊपर फेंकना (प्रा ४।३६)। उल्लिंच (उद्+रिच)-निकालना, उलीचना-'उल्लिबइ ओयणाइ' (पिनि ३६६)। उल्लंट-खंड-खंड करना। उल्लुंड (वि+रेचय)-झरना (प्रा ४।२६) । उल्लुक्क (तुड्)-तोड़ना (प्रा ४।११६) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy