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________________ परिशिष्ट १ ४७७ तत्तिल-तत्पर तल्लोविल्लि-तड़फड़ाहट, तत्तुरिअ-रजित __ अकुलाहट तत्तोहत्त-तदभिमुख, उसके सामने | तल्लोवेल्लि-१ निरंतर पावतप्पणग-जैन मुनि का पात्र-विशेष, परिवर्तन करना । २ व्याकुलता, तरपणी तड़फड़ाहट तप्पणाडमालिआ सत्तमिश्रित | तवंग-ऊपर का भाग, गृहविभागभोजन विशेष तभत्ति-शीघ्र तवन्निग-तृतीय वणिक, वानप्रस्थी तमणी-१ लता। २ व्यधिकरण तसरी-एक प्रकार का रेशम तमुय-१ जन्मान्ध, जात्यन्ध । तहल्ली-अपसति - २ अत्यन्त अज्ञानी तारुय-कर्णधार तम्मि-वस्त्र, कपड़ा तालफली-दासी तम्मिर-खेद करनेवाला ताला-तब तरंडय-नौका तिउक्खर---वाद्य-विशेष तरट्ट - प्रगल्भ, समर्थ, चतुर तिउडय-१ लौंग । २ मालव देश तरट्टा-प्रगल्भा, प्रौढा नायिका में प्रसिद्ध धान्य-विशेष तरट्टिया-विदग्ध स्त्री तिंगआ-पुष्परज तरट्टी-चतुर स्त्री तिगिछा-मकरन्द, पराग तरिडी-अनुष्ण वायु, शीत पवन । | तिगिच्छ-कमलरज, परागतरिया-दूध आदि का सार, मलाई पद्मरज इत्यर्थे देशी' तरु-शीघ्र तिदुइणी-वृक्ष-विशेष तलपत्त-योनि । २ वरांग, मस्तक तिट्ठा-सेवा तलप्प-कर-प्रहार तिडिक्क-स्फुलिङ्ग तलप्पंत-उछल कर आते हुए। तिडिक्किय-छींटो से युक्त तलव-तलपत्र, आस्तरण-विशेष तिडिपिडत-तड़फड़ाते हुए तलवाहय-तलस्पर्शी गति से तैरना | तिडिक्क-स्फुलिंग तलहट्रिया--पर्वत का मूल, तलहटी तित्त-आर्द्र तलारक्ख-नगर-रक्षक तित्ति-अल्प, थोड़ा तलेर-नगर-रक्षक तित्तिरिअ-निरन्तर तल्लवग-सेवक तित्तिल्ल-द्वारपाल, प्रतीहार तल्लवेल्ल-व्याकुलता तिमिरिस-वृक्ष-विशेष तल्लुग्वेल्ल-अकुलाहट तिमिल-वाद्य-विशेष तल्लविल्लि-तड़फड़ना तिम्मण--आचार, चटनी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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