SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 544
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ परिशिष्ट १ ४७५ णालि-सस्त, गिरा हुआ णित्तल-अनिवृत्त णावइ-उपमा और उत्प्रेक्षा के अर्थ णित्तुलिय-निश्चय __ में प्रयुक्त अव्यय णिद्धाडिय-निष्काशित जाहल-शबर, भील-अरण्य- णिपट्ट-गाढ़ चाण्डाल इत्यर्थे देशी णिपत्तउ-शाल्मली वृक्ष णिअद्धण-परिधान, पहनने का णिप्पणिअ-जल-धौत, पानी से वस्त्र धोया हुआ णिअरण-दण्ड, शिक्षा णिप्फंस-निर्दय णिआर-१ ऋजु । २ रिपु। णिभिट्ट-आक्रान्त ३ प्रकट णिमिअ-निहित, न्यस्त णिउडु---निमग्न णिम्मिअ-स्थापित णिउत्त-निमग्न णिम्मीसुअ-१ युवा । २ बिना णिउत्तउशाल्मली वृक्ष दाढ़ी-मूंछ वाला णिउल-गांठ, गठरी णियच्छिय-दृष्ट णिदणिआ-लोच कराया हुआ णिययणी-रज्जु णिक्कसरिअ-गलितसार, सार णिरारिअ—१ निरंतर। रहित २ अतिशय । ३ निरर्थक णिक्कुण-गुपचुप णिरास-नृशंस णिक्खंत--आरोपित णिरित्त-नत णिक्खाविअ-शान्त, उपशम-प्राप्त | णिरु-१ निरन्तर । २ निश्चय । ३ अतिशय णिक्खुत्त–निश्चित, अवश्य णिक्खब्भ-निरन्तर णिरुत्तिय—निश्चित रूप से णिगमिअ-निवासित णिरोव- आदेश, आज्ञा णिच्चणिआ---पानी से धोया हुआ णिरोविय-अर्पित णिच्चोइय-निचोडा हुआ णिरोसह-घर-रहित णिच्छडु-निर्दय णिलाड-ललाट णिच्छद्र-निर्मुक्त, छूटा हुआ। णिलाप-पात्र णिज्जर-१ जीर्ण । २ खिन्न णिल्लुक्क-निलीन, प्रच्छन्न णिज्जीवय---गोताखोर पिल्लुहण -- परिमार्जन णिज्जूहग-गवाक्ष पिल्लरिय ... छिन्न णिज्झण--छुपना णिवली-आघात णिरिय-१ भयोत्पादक । | णिविड-सोकर जागा हुआ २ निष्काशित णिव्वक्कर-परिहास-रहित, सत्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy