SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 377
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३०८ देशी शब्दकोश बयल्ल-बैल, बलीवर्द (उशाटी प १९२)। बरग-बरट्टी, धान्य-विशेष (जंबूटी प १२४)। बरट्ट--धान्य-विशेष (प्रसा ६६E) । बरठ-धान्य-विशेष (प्रसाटी प २६७)। बरड-खरदरा-'थुल्ल वा बरडं वा थेरस्स पोत्तं होहिइ' (आवहाटी १ पृ६०) । बरुअ-इक्षु-सदृश तृण (दे ६।६१) । बरुड-चटाई बनाने वाला शिल्पी (प्रसाटी प २३०)। बलजंत-व्यवसाय के लिए जाते हुए-'बालंजुयवणियाणं बलजंताणं वत्था पडंति' (निचू ३ पृ १६४) । बलद्द-बैल (बृटी पृ ५३) । बलद (राज)। बलमड्डा--बलात्कार (दे ६१६२)। बलवद्रि-१ सखी (दे ६।६१)। २ श्रम को सहन करने वाली स्त्री (व) । बलहरण-छांद का आधारभूत ऊंचा तथा लंबा काष्ठ (भ ८।२५७) । बलामोडि-बलात्कार (बृचू प २०४; दे ६।६२)। बलामोडिय-बलात्, जबरदस्ती से-'तेण दंडिएण बलामोडिए पडिग्गही __ गहिओ' (उसुटी प ५५) । बलामोलि-बलात्कार (से १०।६४) । बलिअ--१ पीन, पुष्ट (भ ६।२३०; दे ६।८८) । २ गाढ, दृढ (ज्ञाटी प ६४) । ३ अत्यर्थ-'बलियतरं भीया तत्था तसिया' (ज्ञा १।६।२७)। बलिमोडय--चक्राकार पर्व-परिवेष्टन (प्रज्ञाटी प ३७)। बले-१ निश्चय । २ निर्धारण-इन अर्थों का सूचक अव्यय (प्रा २११८५) । बलेद्द-बैल (दअचू पृ २१७) । बव्वाड-दाहिना हाथ (दे ६८६)। बव्वीस-वाद्य-विशेष (राज ७७) । बहल-पंक (दे ६।८६)। बहली-देश-विशेष की दासी (ज्ञा ११११८२)। बहिणी-बहिन (निचू ३ पृ ४३०)। बहिद्ध-१ बाह्य वस्तु का ग्रहण (सू ११९१०) । २ मैथुन । ३ परिग्रह 'बहिद्धं मिथुनपरिग्रही गृह्येते' (सूचू १ पृ १७७)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy