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________________ देशी शब्दकोश थविआ —- प्रसेविका -१ वीणा के अंतिम भाग में लगाया जाने वाला छोटा काष्ठ । २ थैला (दे ५१२५ ) | थवी - प्रसेविका - १ वीणा के अंतिम भाग में लगाया जाने वाला छोटा काष्ठ (दे ५।२५ वृ) । २ थेला । थस - विस्तीर्ण (दे ५।२५ ) | थसल - विस्तीर्ण (दे ५।२५) । यह — आश्रय, स्थान (दे ५।२५ ) । थाइणी - प्रतिवर्ष प्रसव करने वाली घोड़ी ( बृभा ३९५६ ) । थाणइल्लग - पहरेदार, प्रातिहारिक-थाइललगा वि न वारिति पत्रइओ ति ( आवहाटी २ पृ १३४) । थाणय - १ पुलिस चौकी, थाना । २ पहरेदार, चौकीदार ( कु पृ १३५ ) । थाणिज्ज - गौरवान्वित, सम्मानित (दे ४/५ वृ) | थाम – १ स्थान ( उसुटी प ६२ ) । २ विस्तीर्ण (दे ५।२५ ) | थार -- मेघ (दे ५।२७) - 'थारत्यणिअं सोउं' (वृ) 1 थारु गिणिया- देश - विशेष की दासी (ज्ञा १।११८२ ) । थालग – १ पिंड, समूह ( आचूला १।१३३ ) | २ ( फली का ) पाक (आटी प ३५४) । थाली - १ पिंड, समूह - 'थाली सव्वातो चेव, पिंडो समूहो य' (आचू पृ ३४४) । २ ( फली का ) पाक (आटी प ३५४ ) । थासग - १ दर्पण के आकार का पात्र ( विपा १।२।१४ ) । २ कुदाल ( आवटि प ५६ ) 1 थाह – १ स्थान । २ ऊंडा गम्भीर जल वाला । ३ विस्तीर्ण । ४ दीर्घ (दे ५।३० ) । थिक्क-स्पृष्ट- 'वड्डइ हायइ छाया तत्थिक्कं पूइयंपि व न कप्पे' ( पिनि १७४) । " २३६ थिक्किल्ल - सुन्दर ( आवचू १ पृ २५७ ) । थिग्गल - १ घर का वह द्वार जो किसी कारण वश फिर से चिना हुआ हो (द ५।१।१५) । २ मैल - थिग्गलं जल्लो भणति' ( निचू २ पृ २२१) । ३ छिद्र - थिग्गल त्ति गिम्हे वातागमणट्ठा गवक्खादि छिड्डे करेंति' (निचू २ पृ३३८ ) । ४ खंडित वस्तु को ठीक करने के लिए लगाई जाने वाली जोड़ - 'अन्नेण चंदणेण य भेरीए यिग्गलं दिन्नं' (नंदीटि पृ १०९ ) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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