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________________ देशी शब्दकोश णिढ-निष्ठ्यूत (दअचू पृ २२) । णिठ्ठह-स्तब्ध (दे ४१३३)। मिड-राक्षस (दे ४।२५) । गिड्डील-निलीन (?) (अंवि पृ १६६)। णिण्णार-नगर से निष्कासित-'सो पच्छा रण्णा पडिहओ, णिण्णारो य कओ, अण्णहिं नगरे एवं चेव करेइ' । (अनुद्वाहाटी पृ १८) । णिण्णाला-चञ्चु (दे ४१३६) । णितणिक-पुष्प-जाति-विशेष (जंवि पृ ७०) । णिरिंगी-आभूषण-विशेष (अंवि पृ ७१) । णित्त-- स्त्री-योनि (बभा २०७५)। णित्तिरडि-निरन्तर (दे ४१४०) । णित्तिरडिअ-त्रुटित, टूटा हुआ (दे ४१४१)। णित्तुप्प-बिना चुपड़ा या बिना बघारा हुआ (बृभा १७०६) । णित्थक्क-१ निर्लज्ज-णित्थक्को णिल्लज्जो भवति' (निचू ४ पृ ४४)। २ अचानक (ज्ञाटी प १७५)। पित्थरभल्ल-अस्त्र-विशेष, साधन-विशेष-णित्थरभल्लेण णहादिणा वा खयं करेज्ज' (निचू ४ पृ १७८) । णिदा--१ जानकर, प्राप्तकर-'खणं णिदाए पविसिस्सामि' (सू २१४१४) । २ ज्ञानयुक्त वेदना (समप्र १७२।१)। णिदाय-ज्ञानयुक्त (भटी पृ १४१७) । णिदोच्च–१ भय का अभाव । २ संघर्ष का उपशमन । ३ स्वास्थ्य (व्यभा ६ टी प ५१)। णिहार-कणिका, टुकड़ा (आवहाटी २ पृ २४३)। णिद्धअ-अविभिन्नग्रह, एक ही घर में रहने वाला (दे ४:३८)। णिद्धंधस-१ अकृत्यसेवी-णिद्धंधसो देशीवचनमेतत् अकृत्यं प्रतिसेवमानः' (व्यभा १ टी प १२) । २ निर्दय (दे ४।३७) । ३ निर्लज्ज । णिद्धंस-निर्लज्ज, दुष्ट (आचू पृ ६५)। णिद्धम--एक ही घर में रहने वाला (दे ४१३८)। णिद्धमण-नाली (स्था ५।२१; दे ४१३६) । णिद्धमाअ-एक ही घर में रहने वाला (दे ४१३८) । णिद्धम्म--एक तरफ जाने वाला (दे ४१३५) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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