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________________ देशी शब्दकोश १७१ चिकिचिकि-चिक्-चिक् करना, फुसफुसाना (सूचू २ पृ ३६८)।। चिक्कण-१ चिकना, दारुण, सघन-विभूसावत्तियं भिक्खू कम्मं बंधइ चिक्कणं' (द ६।६५) । २ श्लक्ष्ण (भ १६३५२) । चिक्कदोरिया-द्वार पर पर्दे के रूप में लगाई जाने वाली चटाई आदि (दजिच पृ २५६)। चिक्का-१ अल्प वस्तु । २ पानी आदि की पतली धारा (दे ३।२१) । चिक्खय-परिष्कृत (?) (निचू ३ पृ ४४३)। चिक्खल्ल-कर्दम, कीचड़-चिच्चं करोति खल्लं च भवति चिक्खल्लं' (अनुद्वा ३६८; दे ३।११) । चिक्खित-खुला हुआ-'चिक्खितदारं पिहए' (पंक ५६६) । चिक्खिलिच्चिय-कीचडयुक्त (आवचू १ पृ १३१) । चिक्खिल्ल-कर्दम-'चिक्खिल्लशब्दः कर्दमे देशी' (से १०।४३) । चिगचिगंत-चमकता हुआ, चकचकाहट करता हुआ-'मुग्गसेलो चिगचिगंतो ___ अच्छइ' (बृटी पृ १०१)। चिच्च-१ चिक्-चिक् होना (अनुद्वा ३६६) । २ त्याज्य (पंक ३७१) । ३ चिपटी नासिका वाला (दे ३।६) । ४ रमण, कटिभाग'चिच्चठिअचिल्ला उअ धावइ जणणी' (दे ३।१०) । (रमण : The hip and the loins, Apte) । चिच्चर-चपटी नासिका वाला (दे ३१९ व)। चिच्चरय-चपटी नाक वाला (दे ३।६)। चिच्चि -अग्नि (दे ३।१०)। चिच्ची-चीत्कार-'महया महया चिच्चीसद्देणं विघुठे विस्सरे आरसिए' (विपा ११२॥३४)। चिठें-१ निश्चेष्ट (आ ८८।२०) । २ गाढ-चिट्ठति वा गाढंति वा' (आचू पृ १४१)। चिट्ठणा-अवस्था-'अवत्थाणं अवत्था या एगट्ठा चिट्ठणा ति व' (जीभा १९६६)। चिडग-पक्षि-विशेष (प्रज्ञा ११७६) । चिडिग--चटक पक्षी (प्र श६) । चिणोडी-गुंजा (दे ३।१२) । चित्त-काष्ठ-विशेष-चित्तशब्देन किलिजादिकं वस्तु किञ्चिदुच्यते' (अनुटी प ५)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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