SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 234
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ देशी शब्दकोश १६५चच्चपुड-आघात, घोड़ों का पाद-प्रहार-खुरचलणचच्चपुडेहिं धरणियलं अभिहणमाणं अभिहणमाणं' (जंबू ३।१०६)। चच्चय–विलेपन-'गोसीसचंदणेणं चच्चए दलयइ (राज ३५१)। चच्चरिक्का-फोड़ा-फुन्सी (आवचू २ पृ १६८) । चच्चसा-वाद्य-विशेष (राजटी प १२६) । चच्चा-१ विलेपन, शरीर पर सुगंधित द्रव्य लगाना (ज्ञा १२१११२७) । २ हस्तबिंब, कुंकुम आदि से लिप्त हथेली का छापा। ३ हस्ततल का आघात, हथेली से धक्का मारना (दे ३।१६) । चच्चाग-सुगन्धित द्रव्य से उपलिप्त (राज १३१) । चच्चाय---सुगंधित द्रव्य से उपलिप्त (जीव ३।४४६)। चच्चिक-स्थासक, सुगंधित वस्तु का विलेपन (प्रा २।१७४) । चच्चिक्क-विभूषित-'साहू गुणरयणचच्चिक्को' (चउ ३९; दे ३।४)। चच्चिर-विलेपित (कु पृ १२८)। चटुलग-खंड-खंड किया हुआ (आवटि प १०४) । चट्ट-१ हर किसी का द्वार खोलने वाला व्यक्ति, धूर्त-'चट्टा वारउग्घट्टगादि' (आचू पृ ३२६) । २ विद्यार्थी (आवचू २ पृ ६०) । ३ आवारा (निचू ३ पृ २४५) । ४ सफाई करने वाले कर्मचारी (बटी पृ ७४०)। ५ तंत्र-मंत्र का ज्ञाता-'राइणा वाहराविया गारुडिया भोइयभट्टचट्टाइणो' (उसुटी प १७४) । ६ ब्राह्मण (आवहाटी १ पृ २६६) । ७ बुभुक्षा। चट्टक-काष्ठनिर्मित चम्मच (नंदीटि पृ १३६) । चट्टसाला-पाठशाला (बृटी पृ १७१) । चट्टिय- चाट गया-'घयं""सुणएहिं चट्टियं' (बृटी पृ १०८) । चट्ठ-दारुहस्त, काठ का चम्मच (दे ३३१) । चटुअ-दारुहस्त, काष्ठ-चम्मच (दे ३।१ )। चट्टक-काठ की बड़ी कड़छी (पिटी प ४६)। चड-१ चोटी (दे ३।१) । २ शीघ्र (बृटी पृ १३१६) । चडकर-१ समूह (जंबू २।६५)। २ बार-बार कहना (बृटी पृ १६१३)। ३ विस्तार (विपाटी प ३६) । चडक्क-१ चटत्कार (प्रा ४१४०६) । २ शस्त्र-विशेष । चडगर-१ समूह-'भडचडगरपहकरवंदपरिक्खित्ते' (अंत ३१९४)। २ बहाना, आरोप (जीभा ९७०)। ३ अधिक कहना, बार-बार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy