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________________ १६२ देशी शब्दकोश चउक्क-१ चौराहा (औप १) । २ आंगन, चौक (दे ३१२)-हिलयचउक्के' (व)। चउक्कर-कार्तिकेय (दे ३१५)। चउरचिध-राजा सातवाहन (दे ३१७) । चउर-पर्वत-पत्ता य इमे चउरसिहरम्मि' (कु पृ १९२) । चंग-सुन्दर, मनोहर (दे ३।१)। चंगबेर-१ काष्ठ पात्र-'कट्ठमय समितातितिम्मणमलणं चंगेरिगासंठित चंगबेरं' (दअचू पृ १७२)। २ बाँस से बना पात्र (दजिचू पृ २५४)। चंगिमा-सौन्दर्य (विभा १००)। चंगेरि-तृण से निर्मित पात्र, टोकरी (जीभा २३६७) । चंगेरिया-टोकरी (राज १२)। चंगेरी--१ बांस का पात्र (दजिचू पृ २५४) । २ काष्ठ का बड़ा पात्र । ३ बड़ी पट्टलिका (प्रटी प १३)। चंगोड-सिक्के, रुपये आदि रखने का कोष्ठागार (बृभा ५११६) । चंचइय-१ उपचित, खचित । २ शोभित (कु पृ २०८) । चंचट-क्षुद्रकीट-विशेष (जीवटी प २८२) । चंचपुड-आघात, प्रहार (जंबू ३३१०६ पा)। चंचप्पर-असत्य (दे ३१४) । चंचुच्चिय-कुटिल गमन, टेढी चाल (औप ६४) । चंचुमालइय-रोमांचित, पुलकित-'धाराहयनीवसुरभिकुसुम. चंचुमालइयतणुए' (भ ११११३४) । चंचुय-- जाति-विशेष (कु पृ ४०)। चंडातक-अोरुक, स्त्रियों का वस्त्र-विशेष (दे ३।१३) । चंडिअ-छिन्न (दे ३।३) । चंडिकित-क्रोधी (निचू २ पृ ३८४) । चंडिक्क-क्रोध, रौद्रता-कलहे चंडिक्के भंडणे विवादे' (भ १२११०३ दे ३।२)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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