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________________ देशी शब्दकोश ग गंगावडिय - - श्वेत रेशम से बना चीन देश का वस्त्र जो भारत में गंगाजुल नाम से प्रसिद्ध था - ' अहं चीण- महाचीणेसु गओ महिसगवले तूण, तत्थ गंगावडिओ णेत्तपट्टाइयं घेत्तूण लद्धलाभो णियत्तो त्ति' (कु पृ ६६) । गंछ- वरुड नाम की म्लेच्छजाति (दे २।८४ वृ) । गंछअ - वरुड नाम की म्लेच्छ जाति (दे २२८४) । गंछिभ -- तैली (जंबूटी प १६४ ) । गंज -१ खाद्य - विशेष ( प्र १०/६ ) । २ गुच्छ वनस्पति- विशेष (प्रज्ञा १|३७|५) । ३ गाल (दे २१८१ ) । गंजिल्ल -विधुर, निरंकुश, पागल (दे २/८३ ) - कामगं जिल्लो, भमिअ किमिमाइ गोसे करसि' (वृ ) । १४३ गंजोल्लिय - १ रोमांचित । २ हंसाने के लिए किया जाने वाला अंग- स्पर्श, गुदगुदी (दे २।१००) 1 गंठिल्ल - गांठों वाला (भटी पृ १२६७) । गंड - १ वस्त्र - विशेष ( जीभा १७६९ ) । २ वन । ३ कोतवाल । मृग । ५ नापित ( दे २६९) । ६ गुच्छा | गंडग -- १ भिक्षुक, याचक - पिंडेसु दिज्जमाणेसु उल्लंतीति पिंडोलगा, जं भणितं - दमगा गंडगा वा' (आचू पृ ३२३) । २ गांव के आदेश की उद्घोषणा करने वाला - गामतित्तिवाहगा' (अचू पृ ३३१) । गंडमाणिया - बांस का बना हुआ पात्र विशेष (भ ७। १५६ )। गंडाग -- नापित ( आचूला १।२३) । गंडि - १ यानविशेष (अनुद्वाचू पृ ५३) । २ दुष्ट बैल या घोड़ा ( उशाटी प ४६ ) । Jain Education International गंडय - उद्घोषणा करने वाला पुरुष, नाई - 'तत्य अमावसा होहिति त्ति गंडओ उग्घोसे' (आवहाटी १ पृ २४८ ) । गंडरिया - श्वेत मिट्टी - 'सेडिया - गंडरिया' ( दजिचू पृ १७९ ) । गंडवाणिया-बांस का पात्र - विशेष (भटी प ३१३) । गंडक नापित, नाई, उद्घोषणा करने वाला पुरुष - गण्डकः - नापित: यो हि ग्राम उद्घोषयति' (आटी प ३२७) । For Private & Personal Use Only ४ लघु www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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