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________________ देशी शब्दकोश कडपल्ल - धान्यशाला - 'कडपल्ल त्ति वा तणपल्ल त्ति वा धन्नसालत्ति वा वलयत्ति वा एगट्ठा' (बृचू प १४१ ) | कडप्प -१ निकर, समूह (बृटी पृ ५४; दे २।१३ ) । २ वस्त्र का एक भाग (वृ) । कडयडाविअ - कड् कड् आवाज से चबा जाना ( कु पृ ६८ ) | कडला - पैर का आभूषण (जंबूटी प १०६ ) । कडवय – समूह (बृटी पृ ५४ ) । कडवल्ल -१ बांस की टोकरी (निचू ४ पृ १६२ ) । २ सूखे मांस से बना भोज्य- 'मंसा सुक्खाविति सुक्खस्स वा कडवल्ला कता (आचू पृ ३३५) । ६१ कडसक्करा -- बांस की शलाका- 'बहवे लोहखीलाण य कडसक्कराण य चम्मपट्टण य' ( विपा १।६।२० ) । कडसी - श्मशान ( दे २।६ ) | कडार - नालिकेर, नारियल ( दे २।१० ) । कडाली - घोड़े के मुख को बांधने का उपकरण विशेष ( अनु ३।५२ ) । कडाहक – कडाही (अंवि पृ २१४) । कडाहपल्हत्थिअ - दोनों पाश्र्वों को बदलना, दोनों पाश्र्वों का अपवर्तन (दे २।२५) । aise -- खिड़की (अंवि पृ २९ ) । कडिखंभ - १ कमर पर रखा हुआ हाथ (दे २।१७) । २ कमर पर किया हुआ आघात - 'डिखंभो कटीन्यस्तो हस्तः । कट्याघात इति केचित्' (वृ) । कडिण - तृण- विशेष ( सू २।२।४) । कडिल्ल - १ मांड आदि पकाने का बर्तन ( उपा २।२१) । २ तवा' तत्तकडिल्ले व जह बिंदु' (पंक १८७४) । ३ गहन (बृभा ५५६६; दे २५२ ) । ४ कटीवस्त्र ( जीविप पृ ५३ ; दे २१५२) । ५ द्वारपाल । ६ शत्रु । ७ आशीर्वाद । ८ जंगल । ६ निश्छिद्र (दे २५२ ) । १० गहन- प्रदेश ( व्यभा ४। १ टी प ६० ) । डिल्लक -- लोहे का बड़ा पात्र ( पिटी प १५८ ) । कडिल्लग — अटवी, जंगल - 'सो अभिमुहेति लुद्धो संसारकडिल्लगम्मि अप्पाणं' (पंक २३७८ ) । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016051
Book TitleDeshi Shabdakosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages640
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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