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देशी शब्दकोश
कंठकप्पड-कंधे पर रखी जाने वाली चादर-णिबद्धं च णेण कंठकप्पडे तं
पुट्टलयं' (कु पृ १०५)। कंठकंची-१ वस्त्र आदि के अन्त में लगाई गई गांठ। २ कंठ के ऊपर
उभरी नाडिग्रन्थि 'रसोली' (दे २।१८) । कंठदीणार-बाड़ का छिद्र (दे २।२४)-'आवंति कंठदीणारएण कुडिय
भमिरा भुयंग त्ति (वृ)।। कंठमल्ल-१ शव को वहन करने का साधन (दे २।२०)। २ यानपात्र,
वाहन (वृ)। कंठमुखी-आभूषण-विशेष (भ ६।१६०)। कंठाकंठि-गले मिलना-'अब्भुठेत्ता कंठाकंठिं अवयासेइ' (ज्ञा ११२।६६) । कंठाकंठिय-गले मिलना (ज्ञा १।२।६०) । कंठाल-मोटे कंठ वाला (कु पृ १३५) । कंठिअ-द्वारपाल, दौवारिक (दे २०१५) । कंड-१ दुर्बल । २ विपन्न । ३ फेन (दे २१५१)। कंडपडवा-यवनिका, परदा (दे २।२५) । कंडरा-~-शरीर का एक अवयव (अंवि पृ ११६)। कंडरिय-अनंतकाय वनस्पति-विशेष (भ २३।१)। कंडु-पात्र-विशेष (सूचू १ पृ १२४)। कंडर-बगुला (दे २१६)। कंडसग-रजोहरण का बंधन-विशेष (नि ५१७०)-'कंडूसगबंधो णाम जाहे
रयहरणं तिभागपएसे खोमिएण उण्णिएण वा चीरेणं वेढियं भवति'
(निचू २ पृ ३६७) । कंडसी-गोत्र-विशेष (अंवि पृ १५०) । कंतार-मार्ग-'कंतारं नाम अध्वानं' (निचू १ पृ १६४) । कंतु-कन्दर्प, कामदेव (दे २।१)। कंथा–टुकड़ा, अंश-कण्हेण भेरी जोयाविया जाव कंथा कया'
(बृभा ३५६)। कंद--१ दृढ । २ उन्मत्त । ३ आच्छादन (दे २१५१)। कंदल-१ प्रत्यग्र लता (ज्ञा १।६।२०) २ कपाल (दे २।४) । ३ पुष्प-विशेष
(अंवि पृ ६३)।। कंदी-मूला, कन्द-विशेष (दे २।१) ।
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