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________________ २१८ निव्वाघाय निव्वाण : निव्वाण निव्वाण निव्वाण निव्वाणमग्ग निव्विण्ण निव्विण्णाण निब्बुइ निव्वुइकर निव्वुड निव्वेयण निशाकर निशान्त निश्चय निश्चय निषन्न निष्कंटक निष्कवच निष्कारण निष्कारणप्रतिसेविन् निष्ठित निष्ठुर निष्पंक निष्पाद्यते निष्प्रदेश निसृजति निसंग निसर्ग परिशिष्ट १ निसीहिया निस्संग Jain Education International (अनंत) ( अहिंसा) (मोत्ति) (संति) ( 52 ) ( सिद्धिमग्ग) (संत) ( जड्डु ) ( अहिंसा) ( मणुष्ण ) (पृह) (अवेयण) (चन्द्र) ( शान्त) ( पृ ८ ) ( अर्थाध्यवसाय ) ( पृ ८8 ) ( पृ ८ ) (निष्कंटक) (अनर्थ) ( वक्र) ( पृ 58 ) ( प्राम्यवचन ) (I =ε) ( साध्यते ) (परमाणु) ( पृ ८ ) ( साधु ) (८) ( ठाण) ( संजत ) निस्संस निस्सरण निस्सा निस्सील निस्सेसिय निहतकंटय निहाण निहाण निहि नीय नीय नीर नीरय नील नीसेस नूम नैकृतिक नैत्यिक नषेधिकी न्यास न्यास पट्ठा पइट्ठा पट्ठाण पइभय पइभय पउंजेज्जा पउम पउमकेसरवण्ण पएस पंक For Private & Personal Use Only निव्याधाय पंक (पाव) ( निगमण ) ( पृ ० ) ( पृ० ) (हियका मग ) (ओहयकंटय ) (सणिहि ) (परिग्गह) (सणिहि ) ( पृ 20 ) ( चंडाल ) ( पयस् ) (निट्ठियट्ठ) ( पृ ६० ) (हिय) (अलिय ) (धूर्त) ( ध्रुव) (स्थान) (निक्षेप) ( निधान) ( धारणा ) (अहिंसा) ( बीय) ( बोहणय ) (पाव) ( पृ ० ) ( उप्पल) ( पितवण्ण) (अंग ) (कम्म) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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