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________________ दलिय -- दोहसक्कु लिका दलिय दवfरका दविय दविय दविय दविय दव्वसार दव्वी दव्वीकर दसा दसीरिका दस्सुगायतण दहिघण दारक दारिया दारु दारुण दारुण दारुण दारुणसद्द दालित दावणा दास दासी दाहिणड्ढलोगहिवद दिग्घपस्सि दिजाईपवर दिजाति दिजातीवसभ दिट्ठ दिट्ठ दिट्ठत Jain Education International (फुलित) (जीवा) (दंत) ( भिक्खु) ( पृ ७८) (समण ) (परिह) (पृ७८) ( गोणस ) (अंग) ( बीहसक्कुलिका) ( पच्चतिक) ( संख) (बालक) ( पृ ७८ ) (जग्गंतक) ( पृ ७६ ) ( चिक्कण ) ( उज्जल ) ( पृ ७६ ) (फुलित ) (पुच्छणा ) ( पृ ७६ ) ( पृ ७६ ) ( सक्क) (अलस) ( बंभण) ( बंभण) ( बंभण ) ( पृ ७६ ) ( नाय ) ( णिदंसण) दिट्ठत दिट्टि दिट्टिवाय दित्ति दिनकर दिप्पते दिवस दिव्व दिसाइ दिसादि दिसते दीण दीणस्सर दीन दीपक दीपकाण दीर्घत्व दीव दीव दीवक परिशिष्ट १ दीवणिज्ज दीवसिहा दीवालिका दीविका दीविगासहा दीविय दीविय दीसति दीह दीह दीहसक्कुलिका For Private & Personal Use Only : २११ (गाय) ( पृ ७६ ) ( पृ ७e ) (कंति) (आदित्य) ( पृ ८० ) (सुद्ध) ( उक्किट्ठे ) (मंदर) (मंदर) ( उप्पज्जते ) ( पृ ८० ) (हीणस्सर) (करुण) ( व्यञ्जक ) (काण) (आरोह) (अहिंसा) ( पृ ८० ) ( दीव) ( पीण णिज्ज) ( हतासिणसिहा ) (बीहसक्कुलिका) ( दव्वी) (हुता सिणसिहा ) ( पृ ८० ) ( पृ ८०) ( लब्भति) ८० ( पृ 50 ) (चिर ) ( पृ ८१) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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