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________________ १७२ परिशिष्ट १ अवगाढ अवगाढावगाढ अवगास अवगाह अव गिरण अवग्गह अवज्ञा अवट्ठाण अवट्टिय अट्ठिय अवड्ढ अवतंस अवतरति अवत्थग अवत्था अवत्था अवत्थाण अवस्थित अवत्थिय अवत्थु अवदात अवद्य अवधान अवधारण अवधावन अवधि अवधित अवन अवबोह अवमट्ठ अवमाणण Jain Education International ( पृ १७ ) (आइण्ण) ( ओवास ) ( स्पर्शना) (उस्सग्ग) ( उग्गह) ( अश्लाघा ) ( पतिट्ठा) (धुव) ( फा सिय) ( पृ १७ ) (मंदर) ( उवेति ) (अलिय ) ( पृ १८ ) ( पतिट्ठा) ( अवस्था ) ( अचल ) ( असाहस ) (अलिय ) ( पृ १८) ( पृ १८ ) ( पृ १८) ( उग्गह) ( लोटन ) ( अवधान ) ( चोदित) ( पृ १८ ) ( ववसाय) (रहस्स) ( अक्कोस ) अवमाणित अवमण्णति अवमण्णति अवय अवयव अवयव अवलंबण अवलोव अवसक्कित अवसर अवसर अवसर अवसव्व अवसारित अवस्थारूपकाल अवस्सकम्म अवस्सकरण अवस्सकरणिज्ज अवस्सकायव्व अवस्aकिरिया अवहड अवहार अवहीय अवाय अविकम्पित अविगतचित्त अविग्गहमण अविचालित अविच्चुति अवगाढ- अविच्चुति (परिभीत) (होलेति ) ( परिभासति ) (नीय) (अंग ) For Private & Personal Use Only (कला) ( उग्गह) (अलिय ) (उट्टित) ( पृ १८) (देश) (योग) (वाम) (उट्ठित) (भूमि) (पावकम्मनिसेह) किरिया ) ( आवस्सग ) ( आवस्सय ) ( आवस्सग ) (पावकम्मनि सेह) किरिया ) ( खीण) ( अदिण्णादाण ) (अलिय ) ( पृ १८ ) ( केवल ) ( अविमनस् ) ( धम्ममण ) (अपूर्व ) (धरण) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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