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________________ १६८ अन्विष्ट अपंगुत अपंडिय : परिशिष्ट १. अपकडूति अपकडित अपगत अपगत अपचय -अपच्चल अपछुद्ध अपछुद्ध अपविद्धया अपणत अपणत अपणामित अपणासित अपधजात अपनीतबन्धन अपमज्जिय अपमट्ठ अपमाण अपरक्कम अपरच्छ अपरिणिव्वाण अपरितंतजोगि अपरिताविय अपरिमियबल अपरिस्पन्द अपरिस्सावि अपलिखित -अपलोलित Jain Education International ( पृ १२ ) अपट्टित ( उद्वित) अपवत्त (जड़) अपवाम ( नीहारेति ) अपविट्ठ ( अपसारित) अपसव्व अपसारित अपसारित ( पृ १२) ( व्यावृत्त) ( क्षपणा ) ( अणल) ( अपमट्ठ) ( अपसारित) ( लाघविय) ( अपमट्ठ) ( अपसारित) ( अपमट्ठ) ( अपसारित) ( उट्ठित ) ( उद्दामित) ( रहस्स) ( पृ १२ ) ( पृ १२ ) ( अत्थाम) ( अविण्णादाण ) ( असात ) (अदीण) ( अकिट्ठ) ( अइबल) ( अक्रिया ) ( अणासव ) ( अपमट्ठ) ( अपमट्ठ) अपहित अपहृतचित्त अपातय अपात्र अपाय अपियत्त अपुणब्भव अपुन्न अपुरिसक्कार अपुरुस अपूर्व अपृथग् अपेत अपोह अपोह अपोह अप्प अप्प अप्पकम्मतर अप्पकरियतर अपग्गंथ अप्पग्घ अप्पच्चय अप्पच्चय For Private & Personal Use Only अन्विष्ट - अप्पच्चय (अपमट्ठ) ( अपमट्ठ) (वाम) ( अपमट्ठ) (वाम) ( पृ १२) ( अपमट्ठ) ( अपसारित) ' (क्षिप्त) ( पृ १३ ) ( पृ १३) (अयध्यवसाय) ( अचियत्त) (सिद्धउपपत्ति) ( अधन्न ) ( अत्थाम) ( णपुंसक) ( पृ १३) (अणण्ण) ( अपगत) (आभिणिबोहिय) ( आभोग ) ( ईहा ) ( अणुमात्र) (रहस्स) ( पृ १३ ) ( अप्पकम्मतर ) ( अप्प डिबद्ध ) (वाम) ( अलिय ) ( अदिण्णादाण ) www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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