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________________ हंता-हयतेय : १५७ हंता-हनन करके। हंता छेत्ता भेत्ता लुंपित्ता विलुपित्ता उद्दवित्ता।' (आ २/१४) हक्कार-हाहाकार। हक्कार रुदित कंदित । (अवि पृ २५३) हट्ट-नीरोग । हट्ठो णिरोगो णिव्वाधितो समत्थो । (निचूभा २ पृ. ३१५) हट्ठा अरोगा बलिया कल्लसरीरा। . (स्था ४/४५१) हट्ठचित्त-प्रसन्न। हट्ट (चित्त) तुटुचित्तमाणंदिए णंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए।' (भ २/४३) हत्थखड्डुग-हाथ का आभूषण (अंगूठी)। हत्थस्स खड्डुगं व ति, अणंतं खड्डुगं ति वा। (अंवि पृ ६५) हत्थभंडक-हाथ का आभूषण (कंकण)। ___ हत्थस्स भंडको व ति, कंकणं वेढको त्ति वा। (अवि पृ ६५) हत्थिक-हाथ का आभूषण । अधवा हत्थिको व ति, तधा चक्ककमिहुणगं । तधेवज्झंककं व ति, कडगं खडुगं ति वा ।' (अंवि पृ ६४) हत्या हनन । हत्या हननमुद्धारम् । (विपाटी प ७५) हय-हत। हय महिय घाइय विवडिय ।' (ज्ञा १६/२५३) हयतेय-जिसका तेज नष्ट हो गया है । ___हयतेए गयतेए नट्ठतेए भट्ठतेए लुत्ततेए विणट्ठतेए। (भ १५/११६) १. देखें-परि० २ ४. देखें-परि० २ २. देखें-परि० २ ५. देखें-परि० २ ३. देखें-परि० २ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016050
Book TitleEkarthak kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya, Kusumpragya Shramani
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages444
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size12 MB
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