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________________ ६६१ परिशिष्ट १ कथा-दृष्टांत-संकेत · प्रस्तुत परिशिष्ट में पांच आगमों-आचारचूला और चार छेदसूत्र तथा उनके व्याख्याग्रंथों (नियुक्ति-भाष्यचूर्णि-वृत्ति) में प्रयुक्त कथाओं, दृष्टांतों और उपमाओं का विषयगत विभाजन और कथा-दृष्टांत के संकेत ससंदर्भ संगृहीत हैं। प्रत्येक ग्रंथ के स्वतंत्र संग्रहण के कारण इसमें अनेक विषयों और कथासंकेतों की पुनरावृत्ति हुई है। आचूला (आचारचूला-नियुक्ति-चूर्णि-वृत्ति) विषय कथा-संकेत संदर्भ देवों से शोभित गगनतल पद्मसरोवर, चम्पकवन १५/२८/१४, १५ आदि की उपमा दुर्वचनों से विद्ध मुनि बाणों से विद्ध हाथी १६/२ अविचल मुनि पर्वत-दृष्टांत १६/३ विमुक्त परिज्ञाचारी रूप्य-दृष्टांत १६/८ दुःखशय्यात्याग भुजंगत्वग्-दृष्टांत १६/९ अंतकृत मुनि महासमुद्र-दृष्टांत १६/१० शय्या वल्गुमती और निमित्तज्ञ आनि ३२३ वृप ३५९ भावना लोह-शिलाजत दृष्टांत आचू पृ. ३७७ निभा (निशीथ भाष्य-चूर्णि) भाग-१ ज्ञानाचार : काल स्वाध्याय तक्रकुट। शृंगधमक। शंखधमक। दो वृद्धाएं ८, १२ चू श्रेणिक नृप और हरिकेश चांडाल १३ चू भक्ति और बहुमान ब्राह्मण और पुलिंद उपधान-तप अशकटपिता १५ चू अनिलवन नापित और परिव्राजक १६ चू दर्शनाचार : निःशंकित, पेया और दो बालक। राजा और अमात्य। २३, २४ चू निष्कांक्षित, निर्विचिकित्सा विद्यासाधक और चोर जुगुप्सा एक श्रावक की कन्या २५ चू अमूढदृष्टि सुलसा श्राविका और अम्मड परिव्राजक ३२ चू उपबृंहण श्रेणिक राजा ३२ चू स्थिरीकरण आचार्य आषाढभूति वात्सल्य वज्रस्वामी। नन्दीषण ३२ चू विनय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016049
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages732
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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