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________________ आगम विषय कोश - २ • पांच महाव्रतों की पच्चीस भावनाएं (अहिंसामहव्वयस्स) तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति । पढमा भावणा – इरियासमिए । अहावरा दोच्चा भावणा - मणं परिजाणाइ ॥ तच्चा भावणा - वइं परिजाणइ .... ||... चउत्था भावणा - आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिए ॥ पंचमा भावणा-आलोइयपाणभोयणभोई... | ( सच्चमहव्वयस्स) तस्सिमाओ पंच भावणाओ भवंति । ...... पढमा भावणा- - अणुवीइभासी ॥ अहावरा दोच्चा भावणा- कोहं परिजाणइ ॥ अहावरा तच्चा भावणा - लोभं परिजाणइ ... ||... चउत्था भावणा - भयं परिजाइ ॥ पंचमा भावना - हासं परिजाणइ ॥ ( अतेणगमहव्वयस्स) पंच भावणाओ भवंति । पढमा भावणा- - अणुवीइमिओग्गहजाई ॥ दोच्चा भावणाअणुवियपाणभोयणभोई ॥ तच्चा भावणा - ओग्गहंसि ओग्गहियंसि एतावताव ओग्गहणसीलए..' || '''''चउत्था भावणा - ....अभिक्खणं ओग्गहणसीलए.... ||..... पंचमा भावणा- -अणुवीइमितोग्गहजाई से णिग्गंथे साहम्मिएसु ॥ (बंभचेरमहव्वयस्स) पंच भावणाओ भवंति । पढमा १. २. ३. ४. ५. १. २. ३. ४. ५. आचारचूला ईर्यासमिति मनपरिज्ञा वचनपरिज्ञा आदानभाण्ड अमत्रनिक्षेपणासमिति आलोकित पान- भोजन अनुवीचिभाषण क्रोधपरिज्ञा लोभपरिज्ञा भयपरिज्ञा हास्यपरिज्ञा ४६५ Jain Education International भावणा - णो णिग्गंथे अभिक्खणं-अभिक्खणं इत्थीणं कहं कहइत्तए सिया ॥ अहावरा दोच्चा भावणा - णो णिग्गंथे इत्थीणं मणोहराई इंदियाइं आलोएत्तए || अहावरा तच्चा भावणा - णो णिग्गंथे इत्थीणं पुव्वरयाई पुव्वकीलियाई सरित्तए सिया... ॥ अहावरा चउत्था भावणा - णाइमत्तपाणभोयणभाई से णिग्गंथे, णो पणीयरसभोयण भोई ******** Il अहावरा पंचमा भावणा - णो णिग्गंथे इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्तए सिया... ॥ (अपरिग्गहमहव्वयस्स) पंच भावणाओ भवंति । तत्थिमा पढमा भावणा - मणुण्णामणुण्णेहिं सहिं णो सज्जेज्जा... ॥ ... दोच्चा भावणा- ....मणुण्णामणुण्णेहिं रूवेहिं णो सज्जेज्जा... ॥ तच्चा भावणा - ....मणुण्णाहिं गंधेहिं णो सज्जेज्जा ॥ चउत्था भावणामणामणेहिं रसेहिं णो सज्जेज्जा ॥ अहावरा पंचमा " मणुण्णामणुण्णेहिं फासेहिं णो सज्जेज्जा | (आचूला १५ / ४४-४८; ५१-५५; ५८- ६२; ६५-६९, ७२-७६ ) भावणा - ..... आचारचूला में पांच महाव्रतों की पच्चीस भावनाएं प्रतिपादित हैं। समवायांग (२५) और प्रश्नव्याकरण ( संवरद्वार) में कुछ भिन्नता के साथ इनका उल्लेख है। देखें यंत्र समवायांग १. अहिंसा महाव्रत की भावनाएं ईर्यासमिति मनोगुप्ति वचनगुप्ति आलोक-भाजन - भोजन आदानभाण्डअमत्रनिक्षेपणासमिति २. सत्य महाव्रत की भावनाएं अनुवीचिभाषण क्रोधविवेक लोभविवेक भयविवेक हास्यविवेक For Private & Personal Use Only प्रश्नव्याकरण महाव्रत ईर्यासमिति अपापमन (मनसमिति) अपापवचन (वचनसमिति ) एषणासमिति आदाननिक्षेपसमिति अनुवीचिभाषण क्रोधप्रत्याख्यान लोभप्रत्याख्यान अभय (भयप्रत्याख्यान) हास्यप्रत्याख्यान www.jainelibrary.org
SR No.016049
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages732
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size17 MB
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