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________________ परिशिष्ट १ प्रस्तुत परिशिष्ट में पांच आगमों (नंदी, अनुयोगद्वार, दशवकालिक, उत्तराध्ययन और आवश्यक) तथा इनके व्याख्या ग्रन्थों (नियुक्ति, भाष्य, चूणि तथा बृत्ति) में प्रयुक्त कथाओं, दृष्टान्तों, घटनाओं के संकेत संगृहीत हैं। इसके तीन विभाग हैं प्रथम विभाग-कथाओं और दष्टांतों का विषयगत विभाजन, संकेत तथा सन्दर्भस्थल । द्वितीय विभाग-तीर्थकर, चक्रवर्ती, प्रत्येकबुद्ध, निह्नव, नगरों की उत्पत्ति-इन से संबद्ध जीवनवृत्तों तथा घटनाओं के ससंदर्म संकेत। तृतीय विभाग -आचार्य, मुनि, राजा तथा अन्य प्रसिद्ध कथानायकों का अकारादि क्रम से ससंदर्भ नामांकन । (प्रथम विभाग) विषय कथा-संकेत संदर्भ अंगुलि-निर्देश १ गीतार्थ-अगीतार्थ साधु विभा ८६८. म ३५२ २ रत्नदाहक वणिक् अज्ञान १. किसान और चित्रपट उचू १४८. शा २६२-२६४. सु १११ २. मूर्ख और दीनार आवचू २ पृ ३० अणुव्रत स्थल प्राणातिपात- १ कोंकणक, २ श्रावक पुत्र, आवचू २ पृ २८३-२९३. हा २१९-२२४ विरमण ३क्षेम अमात्य स्थल मृषावादविरमण १ कोंकणक श्रावक, २ वणिक् द्वारा रहस्यभेद स्थूल अदत्तादानविरमण चोरगोष्ठी और श्रावक का संकल्प स्थूल मैथुनविरमण १ गिरिनगर के मित्र २ गणिका के पुत्र-पुत्री का विसर्जन स्थूल परिग्रहविरमण लोभी नंद श्रावक अनियतवास आचार्य संगमस्थविर आवनि ११७७. चू २ पृ ३५,३६. हा ३१ अनुग्रह राजा द्वारा धनधान्य-वितरण ओभा १३ अनुज्ञा-विधि साधु और भद्र राजा ओनि ३८५ अनुयोग द्रव्यानुयोग गाय और वत्स आवनि १३३,१३४. चू १ पृ १०९-११५. क्षेत्रानुयोग शातवाहन और कुब्जा हा ५९-६४. म १३५-१३८ । विभा १४११, कालानुयोग तक्र-विक्रेता १४१२. म ५२२-५२७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016048
Book TitleBhikshu Agam Visjay kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalprajna, Siddhpragna
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages804
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size18 MB
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