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________________ 308 जैन आगम : वनस्पति कोश विवरण-इसका क्षुप २ से ३ फीट ऊंचा होता है। पत्त केले के नवीन पौधे से निकले हए पत्ते के समान १ से १.५ फुट लम्बे तथा ६ से ७ इंच चौड़े, उतने ही लम्बे पर्णवृन्त से युक्त, आयताकार-भालाकार एवं पर्णतल की तरफ कुछ नुकीले होते हैं। पत्तों में आम के समान गंध आती है। फूल अवन्त काण्डज क्रम में निकले हुए पीतवर्ण के, संख्या में अल्प तथा करीब १.७५ इंच लम्बे । पुष्पदंड ६ इंच या अधिक लम्बा तथा पत्रनाल द्वारा आवृत । पुष्पदंड की पत्तियां हलके हरे रंग की होती है। इसकी जड़ के नीचे अदरक के समान अदरक से बड़े-बड़े कंद होते हैं। यह सर्वांग पीला होता है। इसी कंद को हल्दी कहते हैं। ये कंद विभिन्न आकार के, मूल एवं पर्णवृन्तों के चिन्हों से युक्त होते हैं। अंदर का भाग पीला या नारंग पीत । भग्न शृङ्गवत् । गन्धमधुर, स्वाद कड़वा, चूसने पर लालास्राव का वर्ण भी पीत हो जाता है। रंगने के काम में बिना उबाली हल्दी का व्यवहार किया जाता है और खाने के काम में हल्दी को उबाल कर सुखाकर प्रयुक्त करते हैं। उबालने में उष्णवीर्य हल्दी की तीव्रता कम हो जाती हैं। (भाव०नि० पृ० ११४, ११५) हलिद्दी हलिद्दी (हरिद्रा) हलदी देखें हलिद्दा शब्द। उ०३४/८:३६/६६ हालिद्दा हालिद्दा (हरिद्रा) देखें हलिद्दा शब्द रा०२८ हिंगुरुक्ख हिंगुरुक्ख (हिंगुवृक्ष) हींग का वृक्ष भ०२२/१ प०१/४३/२ हिंगु के पर्यायवाची नाम सहस्रवेधिजतुकं वालीकं हिङ्गुरामठम् ।।१०० ।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016039
Book TitleJain Agam Vanaspati kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechandmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1996
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationDictionary, Dictionary, Agam, Canon, & agam_dictionary
File Size8 MB
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